उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनियां का सबसे बड़ा अर्थतंत्र है और इस संदर्भ में उम्मीद है कि ओबामा उदारवादी सोच अपनाएंगे। भाजपा के इस आग्रह को आउटसोर्सिंग विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका की तरफ से आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे भारतीय आईटी उद्योग पर बुरा असर पड़ा है।
भारत चाह रहा है कि अमेरिका इस प्रतिबंध को समाप्त करे। भाजपा ने साफ किया है कि ओबामा से मुलाकात के दौरान पार्टी के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रुप से भी उनसे आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि भाजपा की तरफ से सुषमा स्वराज बतौर नेता प्रतिपक्ष, ओबामा से भेंट कर चर्चा करेंगी। इस मुलाकात में आउटसोर्सिंग के अलावा कश्मीर, परमाणु क्षतिपूर्ति विधेयक में आपूर्तिकर्ता की जिम्मेदारी और अमेरिका की अफगान नीति पर भी ओबामा के सामने भाजपा अपने विचार रखेगी।
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