कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को दावा किया था कि उनके पास इस बात के सबूत मौजूद हैं कि 26/11 के मुंबई हमले से ऐन पहले उनकी हेमंत करकरे के साथ बातचीत हुई थी। लेकिन मंगलवार को उन्होंने इस बयान से पलटते हुए कहा कि वह इस बातचीत के फोन रिकॉर्ड पेश करने में सक्षम नहीं हैं। अलबत्ता, वह अपनी इस बात पर कायम रहे कि करकरे की जिंदगी को दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों से खतरा था।
यहां पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को दिग्विजय ने कहा- मैं झूठा आदमी नहीं हूं और मुझे यह गलतबयानी करने की कोई जरूरत नहीं है कि हेमंत करकरे के साथ मेरी बातचीत हुई थी। गौरतलब है कि असम में चुनाव होने वाले हैं और दिग्गी राजा को हाल ही में राज्य में पार्टी का प्रभारी बनाया गया है।
दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने दूरसंचार मंत्रालय से निवेदन किया था कि वे पुणे स्थित अपने केंद्र से करकरे के साथ हुई मेरी बातचीत के कॉल रिकॉर्ड मुझे मुहैया कराएं। मैंने इस संबंध में भोपाल स्थित बीएसएनएल के महानिदेशक को निवेदन भेजा था। लेकिन मुझे उनसे लिखित रूप में जवाब आया कि वे मुझे इस बातचीत के डिटेल मुहैया करा पाने में अक्षम हैं, क्योंकि ऐसे रिकॉर्ड केवल 12 महीने के लिए ही रखे जाते हैं। दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने भोपाल में रजिस्टर्ड अपने मोबाइल से करकरे से बातचीत की थी।
दिग्विजय ने कहा, मुझे झूठी बात फैलाने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने जो कहा, उस पर कायम हूं। यह नई बात नहीं है और इसे मैंने कई दफा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में कहा है। उन्होंने इस बात को पूरी तरह बकवास कहकर खारिज कर दिया कि वह मुंबई हमले की जांच पर सवाल उठा रहे हैं या फिर उनके कहने का अर्थ यह है कि करकरे के एनकाउंटर में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ नहीं था।
यहां पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को दिग्विजय ने कहा- मैं झूठा आदमी नहीं हूं और मुझे यह गलतबयानी करने की कोई जरूरत नहीं है कि हेमंत करकरे के साथ मेरी बातचीत हुई थी। गौरतलब है कि असम में चुनाव होने वाले हैं और दिग्गी राजा को हाल ही में राज्य में पार्टी का प्रभारी बनाया गया है।
दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने दूरसंचार मंत्रालय से निवेदन किया था कि वे पुणे स्थित अपने केंद्र से करकरे के साथ हुई मेरी बातचीत के कॉल रिकॉर्ड मुझे मुहैया कराएं। मैंने इस संबंध में भोपाल स्थित बीएसएनएल के महानिदेशक को निवेदन भेजा था। लेकिन मुझे उनसे लिखित रूप में जवाब आया कि वे मुझे इस बातचीत के डिटेल मुहैया करा पाने में अक्षम हैं, क्योंकि ऐसे रिकॉर्ड केवल 12 महीने के लिए ही रखे जाते हैं। दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने भोपाल में रजिस्टर्ड अपने मोबाइल से करकरे से बातचीत की थी।
दिग्विजय ने कहा, मुझे झूठी बात फैलाने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने जो कहा, उस पर कायम हूं। यह नई बात नहीं है और इसे मैंने कई दफा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में कहा है। उन्होंने इस बात को पूरी तरह बकवास कहकर खारिज कर दिया कि वह मुंबई हमले की जांच पर सवाल उठा रहे हैं या फिर उनके कहने का अर्थ यह है कि करकरे के एनकाउंटर में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ नहीं था।
माननीय सिंह साहेब ने सोचा की सुर्खियों में रहेने के लिए कोई तो statement दू,तो उन्होंने यह statement दे दिया .आप लोग भी किसकी बातों में आ गए.just cut the scrap....
ReplyDeleteअपने ढोल पीटकर, गूंजा रहे निज ताल,
ReplyDeleteहर पल इस बेईमान की बदल रही नहे चाल......
''का बिलकुल ही पगला गए हो दिग्गी ??? ''
ReplyDeleteलगता तो ऐसा ही है
कौन कहता है ये पागल हो गए हैं???
ReplyDeleteइन्ही तरीकों से ये लोग ६३ साल से शासन चला रहे हैं.
यह पागल नहीं हैं बहुत स्याणे हैं। पागल तो जनता है जो इनके बहकावे में आती है। लेकिन कल एक अच्छी बात मुझे यह लगी कि दिग्गी दलाल की प्रेस वार्ता केवल एक इंग्लिश चैनल पर आयी शेष ने इन महाराज के समाचार नहीं दिए।
ReplyDeleteये पागल हो गए हैं???
ReplyDeletekya kare sonia ke talue chatkar esa hi hota hai
PUP
ReplyDeleteShut up Diggi, you are funny.
ReplyDeletedeshdrohi hai ye harami
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