कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शहीद आईपीएस हेमंत करकरे की मौत पर दिए गए अपने विवादास्पद बयान को वापस लेने या इस पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। इस सवाल पर हमलावर तेवर अपनाते हुए दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेताओं से ही जवाब मांगना शुरू किया है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों कहा कि हेमत करकरे ने 26 /11 की घटना से कुछ घंटे पहले फोन पर उनसे बातचीत करते हुए हिंदू आतंकवादियों से अपनी जान को खतरा बताया था। उनके इस बयान पर शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी कविता करकरे ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति में उनके पति की शहादत का इस्तेमाल न किया जाए। बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद ने तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ हमला बोल ही दिया, कांग्रेस ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया।
मगर, दिग्विजय सिंह पर जैसे इस सबका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ' मैं 26 / 11 के आतंकी हमले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा। न ही मैंने ऐसा कहा कि मुंबई हमले के पीछे हिंदू आतंकवादियों का हाथ था। मैंने सिर्फ यह तथ्य बताया कि आतंकी हमले की घटना से कुछ घंटे पहले करकरे ने मुझसे फोन पर बात की थी और उन्होंने भगवा आतंकवादियों से अपनी जान को खतरा बताया था। '
बीजेपी नेताओं के बयान का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री से जवाब मांगने से पहले बीजेपी नेताओं को इस सवाल का जवाब देना होगा कि वे साध्वी प्रज्ञा से मिलने जेल क्यों गए थे ?'
गौरतलब है कि करकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र एटीएस ने ही मालेगांव धमाकों के पीछे भगवा आतंकवाद का हाथ बताया था। इसी मामले में साध्वी प्रज्ञा गिरफ्तार हुई थीं।
hinduon ka durbhagya hai ki aatank ka shikaar hone ke baad unhe hi aatanki bataya ja raha hai. aur nikamme hindoo inhen jhel rahe hain..
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