भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नीरा राडिया और फोन टैपिंग मामले में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि फोन टैपिंग मामले से ऐसा लगता है कि उनकी सरकार को औद्योगिक घराने के लोग चला रहे हैं। आडवाणी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठन (राजग) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा, "वे कैसी बात करते हैं, बड़े लॉबिइस्टों की। बड़े-बड़े व्यापारिक घरानों की।"
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने इस संप्रग सरकार का गठन नहीं किया है।" आडवाणी ने कहा कि उन्हें लगता था कि संप्रग सरकार के गठन का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का था।""अब हमें लग रहा है कि इस सरकार का गठन सोनिया गांधी ने भी नहीं किया था। ऐसे लोगों को देखिए जो यह तय कर रहे हैं कि किसे कौन-सा विभाग मिलना चाहिए।"
राजग ने यह संवाददाता सम्मेलन इस बात की घोषणा करने के लिए ही बुलाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने के लिए राजग का संघर्ष जारी रहेगा।
आडवाणी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कैबिनेट की गतिविधियों से ही अनभिज्ञ हैं।
आडवाणी ने कहा, "अब हमें पता चला है कि प्रधानमंत्री यहां तक कि अपने कैबिनेट में घट रही कई घटनाओं से ही वाकिफ नहीं हैं।"
कर्नाटक में करोड़ों रुपये के भू-आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की संलिप्तता के सवाल पर आडवाणी ने कहा कि इस मामले से प्रभावी तरीके से निपटा जा रहा है।
आडवाणी ने कहा, "पार्टी ने कर्नाटक की घटना को संज्ञान में लिया है और उसके साथ प्रभावी तरीके से निपटा जाएगा।"
ज्ञात हो कि येदियुरप्पा ने बेंगलूरु में और उसके आसपास के इलाकों में अपने रिश्तेदारों को प्रमुख भूखंड आवंटित करने में कथित रूप से पक्षपात किया था। इस कारण उन पर इस्तीफे का भारी दबाव बना था। लेकिन पार्टी ने अंतत: उन्हें कुर्सी पर बनाए रखने का निर्णय किया।आडवाणी ने कहा, "मैं कर्नाटक में अपनी खुद की विश्वसनीयता को लेकर चिंतित हूं।
मामले से निपटा जा रहा है और प्रभावी तरीके से निपटा जाएगा।"आडवाणी ने मध्यावधि चुनाव के मुद्दे पर कहा कि संसद में गतिरोध पैदा होने के बाद सांसदों में भय पैदा करने के लिए जान-बूझकर मध्यावधि चुनाव की बात फैलाई गई। आडवाणी ने कहा, "यह केवल भय पैदा करने के लिए है। सांसदों को डराने और विपक्षी एकता को तोड़ने के लिए है।"
भाजपा नेता ने कहा, "मध्यावधि चुनाव की बात आधिकारिक तौर पर मंत्रियों की ओर से आई है, जिनके नाम मैं नहीं लेना चाहता। उन्हें पता है कि अभी डेढ़ साल पहले ही चुनाव हुए हैं। पांच साल के लिए निर्वाचित हुआ कोई सांसद भला अपना बाकी कार्यकाल क्यों खलल में डालना चाहेगा।"
आडवाणी ने कहा कि राजग ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इसलिए नहीं लाया, क्योंकि गैर राजग विपक्षी सदस्यों से समर्थन मिलने की सम्भावना नहीं थी। ज्ञात हो कि संसद का पूरा शीतकालीन सत्र, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जेपीसी से जांच कराए जाने की विपक्ष की मांग की भेंट चढ़ गया.
अच्छी जानकारी।
ReplyDeletesatya vachan
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