नोएडा के बहुचर्चित आरुषि तलवार मर्डर केस में करीब ढाई साल की जांच के बाद भी केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) के हाथ कुछ भी नहीं लगा। सीबीआई ने गाजियाबाद के स्पेशल कोर्ट में जांच करने के लिए पर्याप्त सबूत न मिलने की बात कहते हुए इसकी जांच को बंद करने की रिपोर्ट फाइल कर दी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसे घटना स्थल पर पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए थे।।
नोएडा के जलवायु विहार अपार्टमेंट में 16 मई 2008 को आरुषि का शव मिला था। अगले ही दिन यानी 17 मई को घर की छत पर नौकर हेमराज भी मृत मिला था। 15 दिनों तक केस पर काम करने के बाद यूपी पुलिस के किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाने के कारण इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। एक जून 2008 को जॉइंट डायरेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में सीबीआई ने आरुषि के पिता राजेश तलवार की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले की जांच शुरू की।
राजेश तलवार 50 दिनों तक जेल में भी रहे थे। बीआई ने इस मामले में आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार के कपाउंडर कृष्णा को आरोपी बनाया था। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना था कि शवों के पोस्टमार्टम के बाद यह बात सामने आई कि दोनों हत्याओं में एक ही तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया।
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