मुंबई एटीएस के पूर्व प्रमुख दिवंगत हेमंत करकरे को मुस्लिमों के लिये खुदा बताने वाले अपने बयान को हल्का करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सफाई दी कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को महसूस हुआ कि उन्हें पुलिस अधिकारी की शक्ल में ‘खुदा का पैगाम देने वाला’ मिल गया है।
कांग्रेस इस बयान पर अपना पल्ला झाड़ती नजर आई। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी भी मजहब में आप इंसान की तुलना ईश्वर से नहीं कर सकते हैं। उन्होंने :दिग्विजय: शायद मुहावरे में यह बात कह दी।’’ वहीं दिग्विजय सिंह ने प्रेट्र को बताया, ‘‘मैंने कहा था कि हेमंत करकरे ने मालेगांव धमाके के सिलसिले में हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया तो मुस्लिमों को राहत मिली। उन्हें महसूस हुआ कि कम से कम इस ईमानदार पुलिस अधिकारी ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की जब आतंकवादी मामलों में केवल मुस्लिमों को पकड़ा जाता है। उन्हें महसूस हुआ कि करकरे की शक्ल में खुदा का पैगाम देने वाला मिल गया। इसके लिये मुस्लिम करकरे का बेहद सम्मान करते थे।’’
इससे पूर्व मीडिया में आई खबरों में दिग्विजय के हवाले से कहा गया था ‘‘हेमंत करकरे देश में मुसलमानों के लिए खुदा के रूप में आए..उन्होंने समुदाय को कलंकित होने से बचाया।’’ दिग्विजय ने यह टिप्पणी मुम्बई में एक किताब के विमोचन समारोह के दौरान की थी ।
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