सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी ने गुजरात दंगों के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है। एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी को उस आरोप से मुक्त कर दिया गया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए दंगों के समय अपने संवैधानिक जिम्मेदारियों को नहीं निभाया।
सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी को मोदी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि एसआईटी ने 6 दिन पहले ही अपनी स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 27 अप्रैल को सीबीआई के पूर्व निदेशक आर. के. राघवन की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी को गुजरात दंगों के दौरान मारे गए पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की शिकायत की जांच करने को कहा था।
जाकिया ने मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दंगाइयों को भड़काया था। गौरतलब है कि जाकिया के पति एहसान जाफरी की गुजरात दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी। जाकिया का आरोप था कि पुलिस ने दंगाइयों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी. के. जैन, आफताब आलम और पी. सदाशिवम की बेंच के समक्ष पेश की गई एसआईटी की रिपोर्ट के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एसआईटी ने जाकिया की शिकायत पर जांच पूरी कर ली है और उसे मोदी के खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे हैं।
अच्छी और सच्ची खबर।
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