उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की इस बात के लिए जमकर खिंचाई की कि उपयुक्त स्थानांतरण याचिका तथा विशेष कारणों के बिना आखिर किस आधार पर वह सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले का स्थानांतरण गुजरात से बाहर करने की अनुमति मांग रही है।
गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या के मामले में गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह और 12 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों पर मुकदमा चल रहा है और इनमें से कई अधिकारी जेल की सीखचों के पीछे हैं।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा की खंडपीठ ने सीबीआई से पूछा कि उपयुक्त स्थानांतरण याचिका दाखिल किए बिना तथा अन्य कारणों को बिना बताए वह किस आधार पर इस मामले के गुजरात से बाहर स्थानांतरण की अनुमति मांग सकती है।
सीबीआई ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा अमित शाह को जमानत देने के मामले में उसकी जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्चतम न्यायालय ने आज इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी तक टाल दी और तब तक अमित शाह को गुजरात से बाहर ही रहना पड़ेगा।
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