विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी व दिग्विजय सिंह पर भोपाल में एक धर्मसभा में जमकर बरसे।
सिंघल ने सोनिया को वेटिकन की महिला और राहुल को मंदबुद्धि बताया। दिग्विजय सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि उन पर पागलपन सवार हो गया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए छोला दशहरा मैदान पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए सिंघल ने कहा कि वेटिकन की यह महिला किसी उद्देश्य से भारत आई है। अब समय आ गया है कि इस विदेशी महिला को वेटिकन भेज दें।
राहुल गांधी को उन्होंने छोटा सा बालक बताते हुए कहा कि उनकी इतनी हिम्मत, संघ को लश्कर-ए-तैयबा से भी खतरनाक बताता है। दिग्विजय सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि लगता है उनपर पागलपन सवार हो गया है।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने हनुमत शक्तिजागरण समिति द्वार यहां आयोजित धर्मसभा में आरोप लगाया कि सोनिया गांधी के कहने पर सरकार हिंदू संतो, धर्माचार्यो और श्रद्धा केंद्रों का अपमान कर रही है।
इसके लिए उन्होंने कांची के शंकराचार्य को जेल भेजने, साध्वी प्रज्ञा का नाकरे टेस्ट होने और रामसेतु से संबंधित मामले में दिए हलफनामे में राम का अस्तित्व नकारने जैसे कई उदाहरण दिए।
एक भीड़ भरी सभा में उन्होंने कहा इस देश पर राज कर रही सोनिया हिंदू संगठनों को समाप्त करने का काम कर रही है और भगवा को आतंकवादी कह रही है।
सिंघल ने जोर देकर कहा कि राम मंदिर आंदोलन केवल मंदिर निर्माण का आंदोलन नहीं है,बल्कि संस्कृति की स्थापना का आंदोलन है। सभा को संतों और विहिप पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। हनुमत शक्तिजागरण समिति के अध्यक्ष डॉ.शंकरलाल पाटीदार ने सभा की अध्यक्षता की।
सभा के बाद पत्रकारों से चर्चा में सिंघल ने कहा कि सोनिया वेटिकन की खुफिया एजेंसी ओपुस्दाई की एजेंट है। यह संस्था विश्वभर में धर्मातरण पर नजर रखती है। सवालों के जवाब में सिंघल ने राहुल को मंदबुद्धि बताया और कहा कि कोई मंदबुद्धि ही विदेशी राजदूत के सामने ऐसी बातें कर सकता है।
सिंघल ने संघ प्रचारकों की जीवनशैली का जिक्र करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि किसी भी संघ पदाधिकारी को आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो देशभर में तीव्र विरोध होगा।
उमा भारती के बारे में पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे राजनीति हमसे पूछ कर नहीं करतीं। लेकिन उनके जुड़ने से मंदिर आंदोलन को लाभ हुआ था।
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