आरएसएस कार्यकर्ता सुनील जोशी के हत्यारे संघी ही हैं - दिग्विजय सिंह

भाजपा और संघ परिवार पर हमले तेज करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को आरएसएस कार्यकर्ता सुनील जोशी की हत्या की गहराई से जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि वे संगठन की गतिविधियों के बारे में कुछ ज्यादा ही जानते थे।

कांग्रेस महासचिव सिंह ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर तथ्यों का पता लगाए बगैर जोशी हत्या कांड मामले को बंद करने का आरोप लगाया। मामले की बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राजस्थान एटीएस ने जांच की थी।

सिंह ने दावा किया कि हत्या के इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों ने कभी न कभी आरएसएस के लिए काम किया है। उन्होंने कहा, 'ये सभी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं।'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'जब वे अपने प्रचारक को माफ नहीं कर सकते तो औरों के साथ वे क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हत्या के इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। जोशी की दिसंबर 2007 में हत्या हुई थी। सिंह ने कहा कि उन्होंने तो इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की थी लेकिन यह नहीं हुआ।

राहुल गांधी के बयान से पाकिस्तान को मदद - मोदी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा हिंदू आतंकवाद पर की गई टिप्पणी के विकिलीक्स के जरिए सामने आने पर भाजपा नेता गरम हैं। पार्टी दो वरिष्ठ नेताओं नरेंद्र मोदी और वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेताओं का यह रुख आतंकवाद के विरुद्ध देश की लड़ाई को कमजोर कर रहा है। उन्होंने राहुल की टिप्पणी को तथ्यों से परे करार दिया।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता वेंकैया नायडू शनिवार को दो अलग-अलग समारोहों में भाग लेने के लिए मुंबई में थे। मोदी ने कहा कि राहुल गांधी का बयान आतंकवाद के खिलाफ लड़ी जा रही देश की लड़ाई को खोखला करने वाला है। इससे पाकिस्तान को मदद मिलेगी।

मोदी के अनुसार पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और वहीं से आतंकियों का निर्यात चल रहा है। यह जानने के बावजूद अमरीका पाकिस्तान की मदद कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवाद के मामले में कांग्रेस नेता अमेरिका को गुमराह कर रहे हैं? मोदी ने कोई वक्तव्य देने से इंकार कर दिया।

दूसरी ओर भाजपा के महाराष्ट्र प्रभारी वेंकैया नायडू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहुल गांधी ही नहीं, दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस नेता भी इन दिनों एक सोची-समझी साजिश के तहत बयानबाजी कर रहे हैं। हिंदू आतंकवाद के बारे में बयानबाजी करने से पहले राहुल गांधी को देश का मानस समझना चाहिए। वह पहले संघ की तुलना सिमी से कर चुके हैं। वह संघ के बारे में जानते नहीं, इसलिए उन्होंने ऐसी बात कही।

इससे पहले नायडू ने भ्रष्टाचार पर 100 पृष्ठों की पुस्तक- द ईयर ऑफ स्कैम 2010 का विमोचन किया। इस पुस्तक को भाजपा सांसद डा. किरीट सोमैया ने लिखा है।

भगवा आतंकवाद इस्लामी आतंकवाद से ज़्यादा खतरनाक - राहुल गाँधी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की नज़र में भगवा आतंकवाद इस्लामी आतंकवाद से ज़्यादा खतरनाक है। उन्होंने अमेरिकी राजदूत से बातचीत में अपनी यह राय प्रकट की थी।

विकिलीक्स के ताजा खुलासे से यह बात सामने आई है कि राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे. रोमर से कहा था कि देश को सबसे ज्यादा खतरा भगवा आतंकवाद से है। इस बातचीत में राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, 'लश्कर-ए-तैयबा जैसे इस्लामी आतंकवादी संगठनों को कुछ मुसलमानों का समर्थन मिला हुआ है,लेकिन देश को उससे बड़ा ख़तरा तेजी से पांव पसार रहे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों से है। ये संगठन धार्मिक तनाव और राजनैतिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं।'

तीन अगस्त 2009 को भेजे गए इस गोपनीय अमेरिकी राजनयिक संदेश में रोमर ने 20 जुलाई 2009 को राहुल के साथ दोपहर भोज के दौरान हुई बातचीत का ब्यौरा दिया है। इसके अनुसार राहुल गांधी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे बीजेपी नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे तनाव का जिक्र कर रहे थे। इसमें कहा गया था कि देश के भीतर इस्लामी समूहों की ओर से हो रहे आतंकी हमलों की प्रतिक्रिया में हिंदू चरमपंथ के उभरने का खतरा एक बड़ी चिंता का विषय है जिस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

बीजेपी ने राहुल गांधी के इस स्टैंड की निंदा की है और कहा है कि इस तरह का बयान नासमझी भरा है।

विकिलीक्स के खुलासे से उत्पन्न विवाद पर कांग्रेस ने आज सफाई दी कि राहुल गांधी का विचार यह है कि हरतरह का आतंकवाद और सांप्रदायिकता भारत के लिए खतरा है और हमें इसके खिलाफ चौकस रहना है।

सोहराबुद्दीन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की खिंचाई की

उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की इस बात के लिए जमकर खिंचाई की कि उपयुक्त स्थानांतरण याचिका तथा विशेष कारणों के बिना आखिर किस आधार पर वह सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले का स्थानांतरण गुजरात से बाहर करने की अनुमति मांग रही है।

गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या के मामले में गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह और 12 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों पर मुकदमा चल रहा है और इनमें से कई अधिकारी जेल की सीखचों के पीछे हैं।

न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा की खंडपीठ ने सीबीआई से पूछा कि उपयुक्त स्थानांतरण याचिका दाखिल किए बिना तथा अन्य कारणों को बिना बताए वह किस आधार पर इस मामले के गुजरात से बाहर स्थानांतरण की अनुमति मांग सकती है।

सीबीआई ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा अमित शाह को जमानत देने के मामले में उसकी जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्चतम न्यायालय ने आज इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी तक टाल दी और तब तक अमित शाह को गुजरात से बाहर ही रहना पड़ेगा।

दिल्ली में अपराध के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार बताने पर चिदंबरम पर केस दर्ज

गृहमंत्री पी चिदंबरम के दिल्ली में अपराध के लिए प्रवासियों के खिलाफ दिये गये बयान के विरूद्ध आज यहां की अदालत में एक वाद पंजीकृत कराया गया

रांची के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आज आशीष कुमार सिंह नामक एक व्यक्ति ने समाज के विभिन्न वर्गों में शत्रुता पैदा करने और अशांति पैदा वाला बयान देने का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया ।

अपनी याचिका में उसने कहा कि देश के गृहमंत्री का काम कानून और व्यवस्था कायम करना है । ऐसे में गृहमंत्री स्वयं ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते है ।

याचिकाकर्ता ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत गृहमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अदालत से अनुरोध किया है ।

डॉ. कर्ण सिंह ने चीन का मैत्री पुरस्कार ठुकराया

वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने चीन के प्रधानमंत्री वान च्यापाओ द्वारा दिए जाने वाले मैत्री पुरस्कार को लेने से इंकार कर दिया है। कर्ण सिंह खुद को चीन समर्थक के तौर पर प्रदर्शित नहीं करना चाहते हैं।

कर्ण सिंह का यह कदम ऐसे समय सामने आया है, जब भारत में चीन द्वारा कश्मीर के लोगों को नत्थी किया हुआ वीजा देने के कदम पर विरोध हो रहा है। चीन के इस कदम का मतलब उस चीन द्वारा कश्मीर के भारत में एकीकरण पर सवालिया निशान लगाया जाना माना जाता है।

राज्यसभा सदस्य और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष कर्ण सिंह पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हुए। समारोह में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को भी सम्मानित किया गया। उनके साथ ही प्रफेसर तान चुंग, जी. विश्वनाथन, जी. बनर्जी, एम. मोहंती, एस. चक्रवर्ती, भास्करन, शेरदिल और पल्लवी अय्यर को भी सम्मानित किया गया।

संपर्क किए जाने पर कर्ण सिंह ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

मनमोहन की सरकार औद्योगिक घराने चला रहे हैं: आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नीरा राडिया और फोन टैपिंग मामले में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि फोन टैपिंग मामले से ऐसा लगता है कि उनकी सरकार को औद्योगिक घराने के लोग चला रहे हैं। आडवाणी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठन (राजग) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा, "वे कैसी बात करते हैं, बड़े लॉबिइस्टों की। बड़े-बड़े व्यापारिक घरानों की।"

उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री ने इस संप्रग सरकार का गठन नहीं किया है।" आडवाणी ने कहा कि उन्हें लगता था कि संप्रग सरकार के गठन का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का था।""अब हमें लग रहा है कि इस सरकार का गठन सोनिया गांधी ने भी नहीं किया था। ऐसे लोगों को देखिए जो यह तय कर रहे हैं कि किसे कौन-सा विभाग मिलना चाहिए।"

राजग ने यह संवाददाता सम्मेलन इस बात की घोषणा करने के लिए ही बुलाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने के लिए राजग का संघर्ष जारी रहेगा।
आडवाणी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कैबिनेट की गतिविधियों से ही अनभिज्ञ हैं।
आडवाणी ने कहा, "अब हमें पता चला है कि प्रधानमंत्री यहां तक कि अपने कैबिनेट में घट रही कई घटनाओं से ही वाकिफ नहीं हैं।"
कर्नाटक में करोड़ों रुपये के भू-आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की संलिप्तता के सवाल पर आडवाणी ने कहा कि इस मामले से प्रभावी तरीके से निपटा जा रहा है।

आडवाणी ने कहा, "पार्टी ने कर्नाटक की घटना को संज्ञान में लिया है और उसके साथ प्रभावी तरीके से निपटा जाएगा।"

ज्ञात हो कि येदियुरप्पा ने बेंगलूरु में और उसके आसपास के इलाकों में अपने रिश्तेदारों को प्रमुख भूखंड आवंटित करने में कथित रूप से पक्षपात किया था। इस कारण उन पर इस्तीफे का भारी दबाव बना था। लेकिन पार्टी ने अंतत: उन्हें कुर्सी पर बनाए रखने का निर्णय किया।आडवाणी ने कहा, "मैं कर्नाटक में अपनी खुद की विश्वसनीयता को लेकर चिंतित हूं।

मामले से निपटा जा रहा है और प्रभावी तरीके से निपटा जाएगा।"आडवाणी ने मध्यावधि चुनाव के मुद्दे पर कहा कि संसद में गतिरोध पैदा होने के बाद सांसदों में भय पैदा करने के लिए जान-बूझकर मध्यावधि चुनाव की बात फैलाई गई। आडवाणी ने कहा, "यह केवल भय पैदा करने के लिए है। सांसदों को डराने और विपक्षी एकता को तोड़ने के लिए है।"

भाजपा नेता ने कहा, "मध्यावधि चुनाव की बात आधिकारिक तौर पर मंत्रियों की ओर से आई है, जिनके नाम मैं नहीं लेना चाहता। उन्हें पता है कि अभी डेढ़ साल पहले ही चुनाव हुए हैं। पांच साल के लिए निर्वाचित हुआ कोई सांसद भला अपना बाकी कार्यकाल क्यों खलल में डालना चाहेगा।"

आडवाणी ने कहा कि राजग ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इसलिए नहीं लाया, क्योंकि गैर राजग विपक्षी सदस्यों से समर्थन मिलने की सम्भावना नहीं थी। ज्ञात हो कि संसद का पूरा शीतकालीन सत्र, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जेपीसी से जांच कराए जाने की विपक्ष की मांग की भेंट चढ़ गया.

करुणानिधि की बेटी कनीमोझी के NGO पर CBI का छापा

सीबीआई द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में समूचे तमिलनाडु में मारे जा रहे छापों के क्रम में आज मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की बेटी एवं सांसद कनीमोझी से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन :एनजीओ: तथा पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा के एक लेखा परीक्षक के कार्यालय की तलाशी ली गई

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने पेरंबलूर स्थित राजा के पैतृक गांव वेलूर स्थित घर पर भी छापा मारा ।

राजा के आवास के अतिरिक्त अधिकारियों ने वरिष्ठ पत्रकार एवं तमिल पत्रिका ‘नक्कीरन’ के सह संपादक कामराज राजा के लेखा परीक्षक सुब्रमण्यम तथा तिरुचिरापलली चेन्नई और पेरंबलूर स्थित राजा के रिश्तेदारों तथा घनिष्ठ सहयोगियों के परिसरों पर भी छापे मारे ।

कामराज को द्रमुक के काफी करीब माना जाता है ।

खुद को गैर लाभ वाला संगठन बताने वाले एनजीओ ‘तमिल मैयम’ पर भी सीबीआई ने छापा मारा । कनीमोझी इस संगठन के निदेशक मंडल में शामिल हैं जबकि रेव जगत गस्पर राज इसके प्रबंध ट्रस्टी हैं ।

का बिलकुल ही पगला गए हो दिग्गी ???


कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को दावा किया था कि उनके पास इस बात के सबूत मौजूद हैं कि 26/11 के मुंबई हमले से ऐन पहले उनकी हेमंत करकरे के साथ बातचीत हुई थी। लेकिन मंगलवार को उन्होंने इस बयान से पलटते हुए कहा कि वह इस बातचीत के फोन रिकॉर्ड पेश करने में सक्षम नहीं हैं। अलबत्ता, वह अपनी इस बात पर कायम रहे कि करकरे की जिंदगी को दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों से खतरा था।

यहां पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को दिग्विजय ने कहा- मैं झूठा आदमी नहीं हूं और मुझे यह गलतबयानी करने की कोई जरूरत नहीं है कि हेमंत करकरे के साथ मेरी बातचीत हुई थी। गौरतलब है कि असम में चुनाव होने वाले हैं और दिग्गी राजा को हाल ही में राज्य में पार्टी का प्रभारी बनाया गया है।

दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने दूरसंचार मंत्रालय से निवेदन किया था कि वे पुणे स्थित अपने केंद्र से करकरे के साथ हुई मेरी बातचीत के कॉल रिकॉर्ड मुझे मुहैया कराएं। मैंने इस संबंध में भोपाल स्थित बीएसएनएल के महानिदेशक को निवेदन भेजा था। लेकिन मुझे उनसे लिखित रूप में जवाब आया कि वे मुझे इस बातचीत के डिटेल मुहैया करा पाने में अक्षम हैं, क्योंकि ऐसे रिकॉर्ड केवल 12 महीने के लिए ही रखे जाते हैं। दिग्विजय ने दावा किया कि मैंने भोपाल में रजिस्टर्ड अपने मोबाइल से करकरे से बातचीत की थी।

दिग्विजय ने कहा, मुझे झूठी बात फैलाने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने जो कहा, उस पर कायम हूं। यह नई बात नहीं है और इसे मैंने कई दफा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में कहा है। उन्होंने इस बात को पूरी तरह बकवास कहकर खारिज कर दिया कि वह मुंबई हमले की जांच पर सवाल उठा रहे हैं या फिर उनके कहने का अर्थ यह है कि करकरे के एनकाउंटर में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ नहीं था।

भ्रष्टाचार पर बिहार की एनडीए सरकार का करार प्रहार : विधायक निधि खत्म

चुनाव के दौरान जनता से किए वादे के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमला बोल दिया है। इसके तहत सबसे पहले उन्होंने क्षेत्र में विकास के नाम पर हर साल हर एमएलए और एमएलसी को मिलने वाले 1 करोड़ रुपये के फंड को खत्म करने का फैसला लिया है। हालांकि इस पर अभी तक सैद्धांतिक रूप से ही निर्णय लिया गया है।

बिहार कैबिनेट ने हर एमएलए और एमएलसी को क्षेत्र में विकास के नाम पर हर साल मिलने वाले 1 करोड़ रुपये के फंड को सैद्धांतिक रूप से खत्म करने का फैसला ले लिया है। हालांकि विपक्षी दल आरजेडी ने इस पर कुछ सवाल जरूर उठाए, पर वह भी इसके समर्थन में है। मालूम हो कि यह फंड भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। ऐसी शिकायते हैं कि सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में इस फंड की 30 फीसदी राशि का कॉन्ट्रेक्ट पसंदीदा लोगों को दिलवाते हैं।

भ्रष्टाचार की नकेल कसने के क्रम में सीएम नीतीश कुमार ने एक और कदम उठाया है। अब अप्रैल 2011 तक बिहार के मुख्यमंत्री, मंत्री, नौकरशाह और थर्ड ग्रेड के कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा पेश करेंगे। इसी तरह से आनेवाले बजट सत्र में विधानसभा में राइट टू सर्विस बिल पास होगा, जिसके तहत निश्चित अवधि के दौरान लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

कुछ दिन पहले बिहार कोर्ट स्पेशल ऐक्ट, 2010 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए सरकार ने एक भ्रष्ट अधिकारी की लगभग 44 लाख रुपये की प्रॉपर्टी जब्त कर ली।

दिल्ली से माफी मांगें चिदंबरम - भाजपा

दिल्ली भाजपा ने बाहर से राजधानी में रहने आए लोगों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर उनसे माफी मांगने को कहा है

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता के हवाले से आई एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘चिदंबरम ने सार्वजनिक तौर पर दिल्ली के 50 लाख लोगों का अपमान किया है.. भाजपा इसके लिए उनकी निंदा करती है । चिदंबरम को अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों से माफी मांगनी चाहिए ।’’

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे ‘गैरजिम्मेदाराना आरोप’ लगा कर चिदंबरम ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी अवहेलना की है, जिन्होंने स्वयं ऐसी कॉलोनियों को अस्थाई प्रमाणपत्र बांटे हैं ।

कभी कभी संसद में कार्यवाही नहीं चलने से भी परिणाम निकलते हैं - आडवाणी

विपक्ष की जेपीसी की मांग के कारण संसद का कामकाज ठप रहने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान को दरकिनार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि कभी कभी कार्यवाही नहीं चलने से भी परिणाम निकलते हैं।

संसद भवन परिसर में 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले में शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजली देने के बाद आडवाणी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सोनिया की आलोचना पर यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘ कभी कभी संसद में कार्यवाही नहीं चलने से भी परिणाम निकलते हैं।’’ गौरतलब है कि नौ नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे ही दिन से टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जेपीसी से जांच कराने की विपक्ष की मांग पर हो रहे हंगामे के कारण दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा।

सोनिया ने कांग्रेस संसदीय पार्टी की बैठक में विपक्ष,विशेष तौर पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि यह खेदजनक है कि संसद में वित्तीय मामलों को छोड़कर कोई कामकाज नहीं हुआ। देश की जनता इस पर विचार करेगी कि जिस प्रकार से भाजपा ने संसद की कार्यवाही को बाधित किया है। 2004 में सत्ता से बाहर होने के बाद कामकाज में बाधा डालना भाजपा का चलन बन गया है।

बहरहाल, संसद पर 13 दिसंबर 2001 के आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए आडवाणी ने कहा, ‘‘संसद पर आतंकी हमला के दौरान जान न्योछावर करने वाले वीर सुरक्षाकर्मियों को हम नमन करते हैं और उनकी कुर्बानी का स्मरण करते हैं। अब इसके दोषियों को दंडित करने पर अमल करने की जरूरत है।’’

उल्लेखनीय है कि विपक्ष 2 जी स्पैक्ट्रम तथा भ्रष्टाचार के अन्य मुद्दों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग पर अड़ी है जबकि सरकार यह मांग खारिज कर चुकी है। विपक्ष इस विषय को जनता के समक्ष ले जाने और 22 दिसंबर को रैली का आयोजन कर रही है।

न ही डर रहे और न कुछ छुपा रहे है हम - सोनिया गाँधी

टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: से जांच कराने की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि संप्रग सरकार के पास तो कुछ छिपाने के लिए है ही कुछ डरने के लिए।

सोनिया ने यहां पार्टी संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए संसद की कार्यवाही बाधित करने और स्पेक्ट्रम मुद्दे का राजनीतिकरण करने की बात कहते हुए विपक्ष, खासकर भाजपा पर दोहरे मापदंड और दोहरी बात करने का आरोप लगाया।

उन्होंने जेपीसी की विपक्ष की मांग का सीधा उल्लेख किए बिना कहा ‘‘आप यह देखेंगे कि समस्या का कई तरह से समाधान किया जा रहा है। पहला, पीएसी इसकी जांच कर रही है। दूसरा, सीबीआई की जांच चल रही है और तीसरा कि एक पूर्व न्यायाधीश प्रशासनिक और प्रक्रियागत खामियों को देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि सरकार मामले की तह तक जाने के लिए कटिबद्ध है और यह कहना बेतुका होगा कि सरकार कुछ छिपा रही है या जांच से भाग रही है। मैं स्पष्ट शब्दों में यह दोहराना चाहती हूं कि हमारी सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और हमारी सरकार को डरने के लिए कुछ नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी चिंता यह है कि हमें पीएसी और सीबीआई जैसी स्थापित संस्थाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और न न ही हमें ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे कि प्रधानमंत्री की संस्था की गरिमा कम हो। हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संस्थाओं को कुर्बान नहीं कर सकते।’

राज्यसभा को बंद कर देना चाहिए - शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा को समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि इसके सदस्य बनने के लिए लोग मोटी रकम खर्च करते हैं जिससे संसद का यह ऊपरी सदन एक बाजार की तरह हो गया है।

चौहान ने किंगफिशर कंपनी के मालिक विजय माल्या का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि बिजनस से लोग राज्यसभा में आ रहे हैं। माल्या के अन्य क्षेत्रों के अलावा शराब और उड्डयन उद्योग में व्यापारिक हित हैं।

बीजेपी नेता ने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा, 'राज्यसभा सीट के लिए लोग जो खर्च करते हैं, वे एक तरह का निवेश करते हैं जिसे वे बाद में निकाल लेते हैं।'

उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा में कहा, 'मेरा मानना है कि समय आ गया है जब राज्यसभा को समाप्त कर दिया जाए जिसके लिए प्रत्याशी मोटी रकम खर्च करते हैं। इसके स्थान पर राज्यसभा सदस्यों के लिए लोकसभा में ही कोटा निर्धारित कर दिया जाना चाहिए।'

चौहान ने राज्यसभा में माल्या की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए कहा, 'किंगफिशर के लोग राज्यसभा पहुंच रहे हैं। राज्यसभा टिकट की खुली बिक्री हो रही है, यह एक बाजार सरीखा बन गया है, यह एक शर्म की बात है।'

चौहान ने कहा कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव पांच वर्ष पर एकसाथ कराए जाएं। बार-बार चुनाव कराने से विकास गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं क्योंकि चुनाव के समय चुनाव आचार संहिता लागू करनी होती है। उन्होंने चुनावों में कालेधन के प्रयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने

एस बंगारप्पा फिर छोड़ रहें हैं कांग्रेस

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा कांग्रेस को दुबारा अलविदा कर जनता दल :सेक्युलर: में शामिल हो सकते है।

बंगारप्पा ने जद :एस: के एच डी कुमारस्वामी और अन्य नेताओं के साथ संक्षिप्त मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया ‘‘ कुमारस्वामी ने मुझे जनता दल सेक्युलर में शामिल होने का आमंत्रण दिया है।

मैं इस बारे में तीन से चार दिन के बीच निर्णय लूंगा।’’ मिल रही सूचनाओं के आधार पर पार्टी की सोराबा इकाई में पदाधिकारी को नियुक्त किये जाने के उनके सलाह को नजरअंदाज किये जाने के बाद से वह नाराज चल रहे है।

बंगारप्पा चाहते थे कि पार्टी की शोराबा इकाई में उनके बड़े बेटे कुमार बंगारप्पा की जगह दूसरे बेटे मधु को प्राथमिकता दी जाये।

बंगारप्पा और उनके बड़े बेटे के बीच आपसी संबंध बहुत अच्छे नहीं है। हलांकि पार्टी की शिमोगा जिले की इकाई में नेताओं का बहुमत कुमार बंगारप्पा को प्राथमिकता देने के पक्ष में है।

मैं करुँगी भाजपा को उत्तर प्रदेश में मजबूत - उमा भारती

उत्तरप्रदेश में लस्तपस्त पड़ी भाजपा में नयी जान फूंकने के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के सुझाव कोफायर ब्रांडनेता उमा भारती स्वीकार करेंगी।

आडवाणी की ओर से ब्लाग में दिये गए सुझाव के 24 घंटे के भीतर उमा भारती ने कहा, ‘‘आडवाणी जी के ब्लाग में उत्तप्रदेश का जिक्र आया है, वह वाकई एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का मुकाबला करने की सामथ्र्य यदि आडवाणी जी मुझमें देखते हैं तो मैं इस बारे में कोई राह जरूर निकालूंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अभी मैं सिर्फ 50 वर्ष की हूं, इसलिए मेरे पास कोई भी जिम्मेदारी निभाने का समय और सामथ्र्य दोनों है।’’ गौरतलब है कि आडवाणी ने अपने ब्लाग में लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के लिए अति आत्मविश्वास और आत्ममुग्धता को जिम्मेदार ठहराते हुए उत्तरप्रदेश में पार्टी के कमजोर होने और उमा भारती को प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने का सुझाव दिया था।

आडवाणी ने लिखा था ‘‘ नितिन गडकरी ने स्वयं उमा भारती से बात की। इसके बाद उमा ने मुझसे बात की । मेरी सलाह पर वह उत्तरप्रदेश में पार्टी इकाई को मजबूत बनाने पर राज़ी हो गई हैं।’’ बहरहाल, उमा भारती ने कहा, ‘‘ करीब 11 महीने पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मुझे भाजपा में शामिल होने और पदाधिकारी बनने का प्रस्ताव किया था ।

उससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने आडवाणी जी का समर्थन किया था और प्रचार भी किया था।’’ उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक वर्ष में कुछ दुखद व्यक्तिगत कारणों से वह राजनीति से विलग रही लेकिन वह राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी और लालकृष्ण आडवाणी की सलाह मानेंगी।

दिग्विजय सिंह ने अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांगने से किया इनकार

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शहीद आईपीएस हेमंत करकरे की मौत पर दिए गए अपने विवादास्पद बयान को वापस लेने या इस पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। इस सवाल पर हमलावर तेवर अपनाते हुए दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेताओं से ही जवाब मांगना शुरू किया है।

गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों कहा कि हेमत करकरे ने 26 /11 की घटना से कुछ घंटे पहले फोन पर उनसे बातचीत करते हुए हिंदू आतंकवादियों से अपनी जान को खतरा बताया था। उनके इस बयान पर शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी कविता करकरे ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति में उनके पति की शहादत का इस्तेमाल न किया जाए। बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद ने तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ हमला बोल ही दिया, कांग्रेस ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया।

मगर, दिग्विजय सिंह पर जैसे इस सबका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ' मैं 26 / 11 के आतंकी हमले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा। न ही मैंने ऐसा कहा कि मुंबई हमले के पीछे हिंदू आतंकवादियों का हाथ था। मैंने सिर्फ यह तथ्य बताया कि आतंकी हमले की घटना से कुछ घंटे पहले करकरे ने मुझसे फोन पर बात की थी और उन्होंने भगवा आतंकवादियों से अपनी जान को खतरा बताया था। '

बीजेपी नेताओं के बयान का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री से जवाब मांगने से पहले बीजेपी नेताओं को इस सवाल का जवाब देना होगा कि वे साध्वी प्रज्ञा से मिलने जेल क्यों गए थे ?'

गौरतलब है कि करकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र एटीएस ने ही मालेगांव धमाकों के पीछे भगवा आतंकवाद का हाथ बताया था। इसी मामले में साध्वी प्रज्ञा गिरफ्तार हुई थीं।

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