ब्रिटिश वैज्ञानिक ने हाइड्रोजन आधारित एक ऐसा फ्यूल ईजाद किया है, जो पेट्रोल से बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होगा और पेट्रोल का बेहतर पर्याय बनेगा। एक तरह से इसे आर्टिफिशियल पेट्रोल की संज्ञा दी गई है। यह फ्यूल से हाइड्रोजन से बना होगा, जिसमें कार्बन नहीं होगा और न ही इससे कोई नुकसान करने वाले अपशिष्ट पदार्थ निकलेंगे। यह पेट्रोल पूरी तरह पर्यावरण के लिए सुरक्षित साबित होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक इसका पहला रोड टेस्ट अगले वर्ष होगा और यदि सब कुछ सही रहा तो आने वाले 3 से 5 वर्षों में यह पेट्रोल की सिर्फ खपत ही नहीं बल्कि कीमत भी गिरा देगा। इस आर्टिफिशियल फ्यूल की कीमत प्रति एक लीटर लगभग 14 रुपए होगी।
इस प्रोजेक्ट के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन बेनिंगटन का कहना है कि कई मामलों में हाइड्रोजन एक परफेक्ट फ्यूल है। इसकी एक यूनिट में पेट्रोल से तीन गुना अधिक ऊर्जा होती है और जब यह जलता है तो सिवाय पानी के कुछ और अपशिष्ट नहीं निकालता है। इसकी इसी खासियत की वजह से वर्तमान में अधिकांश गाड़ियां हाइड्रोजन से चलने लगी हैं।
अभी तक गैस को जलाकर या फिर ऑक्सीजन व हाइड्रोजन को मिलाकर इससे ऊर्जा पैदा की जाती रही है, लेकिन हाइड्रोजन को संरक्षित करने का वर्तमान तरीका बहुत महंगा होने के साथ ही सुरक्षित भी नहीं है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन को मोतियों जैसे छोटे-छोटे टुकड़ों का रूप दे दिया है, जिसे तरल पदार्थ की तरह पंप किया जा सके। सेलर एनर्जी के प्रोफेसर स्टीफन वॉल्कर ने इस तकनीक की खोज की है।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान गाड़ियों के इंजन को बिना बदले ही इस फ्यूल को इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह फ्यूल हाइड्रोजन पर आधारित है और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरह इसमें किसी तरह का कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है।
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