कैदियों को वर्ष 2011 का तोहफा देते हुए मध्य प्रदेश की पहली खुली जेल का अब से कुछ समय पहले यहां पर शुभारंभ हुआ।
17 एकड़ में निर्मित और करीब तीन करोड़ 26 लाख रुपये के खर्च से तैयार इस खुली जेल में न सिर्फ 25 बंदी रह रहे हैं बल्कि वह अपने परिवार के सदस्यों के भरण..पोषण के लिए खेती और अन्य कार्य भी कर रहे हैं।
प्रदेश की विभिन्न जेलों से आए इन बंदियों तथा इन परिवारों के लिए पुनर्वास और बच्चों के लिए शिक्षा तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जेल अधीक्षक उषा राज ने बताया कि कैदियों को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के जरिए हुनरमंद बनाया जा रहा है ताकि यहां से निकलने के बाद वे स्वरोजगार से जुड़कर अपने परिवार के साथ सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें ।
उन्होंने बताया कि सरकार ने बंदियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर बैतूल तथा धार जिले में आईटीआई खोलने की स्वीकृति दी जिससे बंदियों को हुनर सिखाया जा सकेगा।
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