भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कांग्रेस पर हमलावर बीजेपी ने अब सोनिया गांधी पर निशाना साधा है। सोमवार को पार्टी ने बोफोर्स दलाली मामले में आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोकी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला। वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि इटालियन बिजनेसमैन क्वात्रोकी के कांग्रेस अध्यक्ष से नजदीकी रिश्ते थे और वह नियमित रूप से उनके घर जाता था।
आडवाणी ने कहा कि यह सभी को मालूम है कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने बोफोर्स मुद्दे को दबा दिया था। यहां तक कि आयकर ट्रिब्यूनल ने भी कहा है कि क्वात्रोकी को दलाली दी गई थी और जिसके चलते उससे टैक्स लिया जाना चाहिए। लेकिन सीबीआई ने इस मामले को दबा दिया।
पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि क्वात्रोकी की तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक पहुंच थी। ऐसे में यह मुद्दा साफ तौर पर सोनिया गांधी के दरवाजे तक जाता है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन चलने वाली बैठक में रविवार को पेश राजनीतिक प्रस्ताव में भ्रष्टाचार के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष छेड़ने की बात कही गई है।
राजनीतिक प्रस्ताव के मुताबिक, लोगों में वापस भरोसा पैदा करने के लिए बीजेपी को भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के केंद्र के तौर पर उभरना होगा। बीजेपी संघर्ष के परिणामस्वरूप पैदा हुआ दल है, जिसे देश की राजनीति में आए बहुत वक्त नहीं बीता है। 'भ्रष्टाचार मुक्त भारत' बनाने की कोशिश में लगे लोगों, समूहों, नागरिक समाज संगठनों और दलों को एकजुट होकर इस मुहिम को आगे बढ़ाना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने यह प्रस्ताव पेश किया, जिसका राज्यसभा में उनके समकक्ष अरुण जेटली ने समर्थन किया। प्रस्ताव में आयकर ट्रिब्यूनल द्वारा हाल ही में किए गए खुलासों को लेकर गांधी परिवार पर निशाना साधा गया है।
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा था कि हॉवित्जर तोपों के सौदे में दिवंगत विन चड्ढा और क्वात्रोकी को 61 करोड़ रुपये की दलाली दी गई थी। ऐसे में दोनों को भारत को टैक्स चुकाना होगा।
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