भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक व अन्य के खिलाफ सोमवार को लखनऊ में आपराधिक मामला दर्ज कराया है।
ठाकुर ने फेसबुक पर 'आई हेट गांधी' नाम से चल रहे एक ग्रुप के आपराधिक कृत्य के सम्बन्ध में फेसबुक कंपनी तथा अन्य के खिलाफ यह आपराधिक मामला लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराया है।ठाकुर उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम) लखनऊ में शैक्षिक अवकाश पर हैं।
प्राथमिकी में कहा गया कि फेसबुक सोशल नेटवर्किंग साइट इन्टरनेट के माध्यम से हमारे देश में भी सारे कंप्यूटरों पर प्रदर्शित होता है। इसके सदस्य अलग-अलग ग्रुप (समूह) बनाते हैं जिनमें 'आई हेट गांधी' भी है। इसमें कई भद्दे शब्दों और गालियों का खुलेआम प्रयोग किया गया है।
ये अशोभनीय गालियां हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए प्रयुक्त की गई। इन भद्दे शब्दों के जरिए महात्मा गांधी की प्रतिष्ठा तो धूमिल की ही गई है, साथ ही इनके द्वारा समाज में विद्वेष बढ़ाने, लोगों को गलत ढंग से उकसाने, लोगों को विचार-समूहों और अन्य आधारों पर बांटने का प्रयास भी किया गया है।
ठाकुर की तहरीर में इस प्रकरण में मुख्य भूमिका राहुल देवगन निवासी ग्राम-खौली, जिला पटियाला, पंजाब की बताई गई है जबकि अन्य लोगों में गौरब बैनर्जी, रोहन शिंदे, शिक्षित कुमार, गदाधर घोषाल, जसजीत सिंह, देवेन टंडन, अमित आर्य, विग्नेश एन वी तथा अन्य नामित किए गए हैं।
इन व्यक्तियों के अतिरिक्त फेसबुक इंक, मुख्यालय पालो अल्टो, कैलीफोर्निया, अमेरिका को इस प्रकार प्रदान किए जा रहे सेवा के माध्यम से किए जा रहे इस आपराधिक कृत्य के प्रति जानबूझ कर आंखें मूंदे रखने और इस आपराधिक कृत्य के बारे में जानकारी हो जाने के बाद भी उसके प्रति आवश्यक कदम नहीं उठाने के लिए जिम्मेदार बताते हुए आरोपी बताया गया है।
पुलिस के मुताबिक प्राथमिकी दर्ज कराने के पहले ठाकुर ने इनमें से सभी व्यक्तियों से इस बात का अनुरोध किया था कि इस ग्रुप से आपत्तिजनक सामग्री हटा ली जाए पर इन लोगों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। साथ ही फेसबुक ने भी ठाकुर द्वारा किए गए निवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी और यह ग्रुप यथावत जारी रहा।
मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (जान बूझकर जब परिद्वेश से अथवा स्वैरिता से प्रकोपित कोई कार्य, यदि इसके कारण किसी प्रकार का दंगा नहीं हुआ हो), 153-(राष्ट्र की अखंडता तथा राष्ट्रीय एकता को नुकसान करने हेतु गलत ढंग से प्रभावित करने वाले वक्तव्य देना या कृत्य करना) तथा धारा 66 इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट, 2000 सहित विभिन्न धाराओ तहत दर्ज किया गया है।
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