कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बार भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार में आतंकवाद भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा की देन है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में भाजपा और संघ को चर्च पर हमला करने के मामले में बरी कर दिया गया है।
दिग्विजय सिंह की मानें तो आडवाणी की रथयात्रा की वजह से उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र में आतंकवाद पैदा हुआ।
कांग्रेस महासचिव का कहना है कि कई आतंकी वारदातों में हिंदू संगठनों का नाम आया है, जिसे ‘भगवा आतंक’ से तो जोड़कर नहीं देखा जा सकता, लेकिन इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम सीधे तौर पर आया है। सभी आरोपी किसी न किसी रूप से संघ से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि ताजा मामले में संघ प्रचारक सुनील जोशी का आतंकी गतिविधियों में नाम आया था, जिनकी हत्या कर दी गई।
उन्होंने यह भी कहा कि कट्टर हिंदू और मुस्लिम दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
दिग्विजय सिंह का कहना है कि जब-जब भाजपा कमजोर हुई है, उसने संप्रदायिक मुद्दे को उठाया है। जहां विवाद होता है वहां भाजपा पहुंच जाती है। चाहे मुद्दा राम मंदिर का हो या फिर तिरंगा-यात्रा का।
मालूम हो कि दिग्विजय सिंह ने बाटला मुठभेड़ और 26/11 मुंबई आतंकी हमले पर बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया था। उन्होंने बाटला मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिजनों से आजमगढ़ में मुलाकात की थी।
दिग्विजय ने मुठभेड़ के तरीके पर सवाल खड़े किए थे। वहीं 26/11 हमले में शहीद हेमंत करकरे के बारे में कहा था कि मुंबई हमले से कुछ दिन पहले करकरे ने उनसे हिंदू संगठनों से अपनी जान को खतरा होने के बारे में बताया था, जिसके बाद दिग्विजय सिंह की कड़ी आलोचना हुई थी।
दिग्विजय सिंह ने भारत-पाकिस्तान विभाजन पर कहा कि द्विराष्ट्र के जनक मुहम्मद अली जिन्ना नहीं, बल्कि वीर सावरकर थे।
इसकी पुष्टि करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि संघ परिवार की विचारधारा को बदलना होगा। इस मुद्दे को हम संसद में उठाएंगे। डिग्गी ने ठीक ही कहा है कि द्विराष्ट्र सिद्धांत के जनक विनायक दामोदर सावरकर थे।
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