बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट पाने के इच्छुक शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक मामले में यहां एक अदालत ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी को आज धोखाधड़ी के आरोपों से बरी कर दिया लेकिन केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को सम्मन जारी किया है।
अभियोजन सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश चंद्र मालवीय ने शिकायतकर्ता एके ओझा के बयान के आधार पर कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी मुकुल वासनिक और मुजफ्फरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विनिता विजय सहित सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ बीते अक्तूबर में शिकायत दर्ज की थी।
साक्ष्य के अभाव में मालवीय ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर को आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन वासनिक को आगामी नौ मार्च को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है।
ओझा ने कहा कि 2007 में एक पोस्टर प्रकरण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ दायर मुकदमा वापस लेने के एवज में उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन 2010 में विश्वासघात हुआ।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष अक्तूबर 2010 में ओझा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 323, 341, 379, 504, 120 बी, 386 और 109 के तहत सोनिया गांधी सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
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