गुजरात दंगों के बाद सुर्खियों में आईं तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने लूनावाड़ा नरकंकाल मामले में गिरफ्तारी के डर से गोधरा की फास्ट ट्रैक कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है।गैर सरकारी संगठन [एनजीओ] सिटीजन फॉर पीस एंड जस्टिस की प्रमुख तीस्ता पर आरोप है कि उनके ही इशारे पर उनके पूर्व साथी रईस खान पठान ने पंचमहाल जिले के लूनावाड़ा में पानम नदी के किनारे दफनाए गए शवों को निकाला था।
बाद में हालांकि इन शवों के डीएनए टेस्ट में करीब आधा दर्जन लोगों की स्थानीय बाशिंदों के रूप में पहचान हुई थी। लेकिन, मामले की जाच कर रही गोधरा पुलिस ने गत माह रईस खान को प्रशासन की मंजूरी बगैर दंगों में मारे गए लोगों की कब्र खोदने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
पूछताछ के दौरान रईस ने पुलिस को बताया था कि उसने तीश्ता के कहने पर ही कब्र से शव बाहर निकाले थे।गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाली तीस्ता ने जनवरी, 2008 में रईस को अपनी संस्था से निकाल दिया था। इसके बाद रईस ने तीश्ता पर दंगा पीड़ितों को बरगलाने का आरोप लगाया था।
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