सुप्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी का सोमवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 89 साल के थे. जोशी ने पुणे के सह्याद्रि अस्पताल में सुबह आठ बजकर दो मिनट पर अंतिम सांस ली.
जोशी को 2008 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.शास्त्रीय गायन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाले जोशी के निधन से पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अनेक राजनीतिक हस्तियों ने निधन की खबर सुनते ही शोक व्यक्त किया है.
जोशी के जाने से इस देश और शास्त्रीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.भीमसेन जोशी किराना घराने के महत्वपूर्ण गायक थे. उन्होंने 19 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था और लगभग सात दशकों तक शास्त्रीय गायन किया. जोशी को मुख्य रूप से खयाल शैली और भजन के लिए जाना जाता है.
पंडित जोशी को वर्ष 1999 में पद्मविभूषण, 1985 में पद्मभूषण और 1972 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जोशी का मशहूर "मिले सुर मेरा तुम्हारा" गाना आज भी देशवासियों की जुबां पर है.
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