
उल्लेखनीय है कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार केंद्र सरकार में कृषि मंत्री हैं और इस लिहाज से महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष उन्हें निशाना बनाता रहा है। राहुल के बयान को भी पवार पर अप्रत्यक्ष निशाने के तौर पर लिया जा रहा है। राकांपा प्रवक्ता डी. पी. त्रिपाठी ने भी राहुल के बयान की आलोचना की और उस पर दुख जताते हुए कहा कि मैंने हमेशा राहुल का सम्मान किया है लेकिन उनके इस बयान से उन्हें दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो सच्चाई पर आधारित नहीं हैं।
देश की जनता ने गठबंधन सरकार चलाने का जनादेश दिया है और ऐसे में महंगाई व भ्रष्टाचार के लिए गठबंधन को दोषी ठहराना उस जनादेश पर आक्रमण है। राहुल ने एक सवाल के जवाब में मंगलवार को लखनऊ में कहा था कि इंदिरा गांधी के जमाने में महंगाई व भ्रष्टाचार पर इसलिए काबू पाया जा सका था क्योंकि उस जमाने में एकदलीय सरकार थी और आज गठबंधन की सरकार है, इसलिए कुछ मजबूरियां हैं।
दरअसल, राहुल से एक छात्र ने सवाल पूछा था कि इंदिरा गांधी ने महंगाई व भ्रष्टाचार पर काबू पाने सफलता हासिल की थी लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ऐसा क्यों नहीं कर पा रही है।
0 comments :
Post a Comment