पर्यावरण मंत्रालय ने मुंबई स्थित विवादास्पद आदर्श आवासीय सोसायटी की 31 मंजिला इमारत को अनधिकृत करार देते हुए उसे तीन महीने के भीतर गिरा देने की आज कड़ी सिफारिश की।
हालांकि, इस पर सोसायटी ने कहा कि वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह मंत्रालय की सिफारिश पर जल्द ही फैसला करेगी।
रक्षा प्रतिष्ठानों और कई अन्य अहम संगठनांे की मौजूदगी के चलते संवेदनशील माने जाने वाले कोलाबा इलाके में इस इमारत के लिये मूल रूप से छह मंजिलों का निर्माण होना था और इसमें कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को आवास दिये जाने थे। लेकिन 31 मंजिलों का निर्माण होने और इसके फ्लैट नेताओं, शीर्ष रक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों को भी आवंटित हो जाने के बाद इमारत विवादों में आ गयी थी।
पर्यावरण मंत्रालय ने अपने अंतिम आदेश में सख्ती से कहा, ‘‘इमारत के अनधिकृत ढ़ांचे को गिरा दिया जाये और उस क्षेत्र को तीन महीने के भीतर उसकी मूल स्थिति में ला दिया जाये।’’ मंत्रालय ने सोसायटी को ही ढ़ांचा हटाने के निर्देश देते हुए कहा कि इमारत को नहीं गिराये जाने की स्थिति में वह अपने निर्देशों को कानूनन लागू कराने के लिये कदम उठाने को मजबूर हो जायेगा।
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के दस्तखत वाले इस आदेश में कहा गया, ‘‘पूरे ढांचे को हटा दिया जाये क्योंकि यह अनाधिकृत है और इसके निर्माण के लिये तटीय नियमन क्षेत्र :सीआरजेड: अधिसूचना 1999 के तहत कोई मंजूरी हासिल नहीं की गयी थी।’’
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