पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की राज्य में ‘रथयात्रा’ शुरू होगी। 30 जनवरी से शुरू होने वाली इस रथयात्रा के दौरान पार्टी कानून व्यवस्था और विकास के मोर्चे पर वाम मोर्चा सरकार की विफलता को उजागर करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और महँगाई के मुद्दों पर कांग्रेस और तृणमूल को निशाना बनाएगी।
भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रभारी चंदन मित्रा ने बताया कि नवजागरण रथयात्रा 30 जनवरी को कूच बिहार से शुरू होकर 15 फरवरी को कोलकाता में एक रैली के साथ संपन्न होगी। इसमें महँगाई और भ्रष्टाचार के अलावा स्थानीय मुद्दों पर सरकार की विफलता को जनता के बीच उजागर किया जाएगा।
रथयात्रा को पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथसिंह हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जबकि 15 फरवरी को कोलकाता में लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी रैली को संबोधित करेंगें । मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक गरीब राज्य है और इसके लिए तृणमूल और कांग्रेस दोनों ही जिम्मेदार हैं। पिछले 34 साल में वाम शासन ने भी राज्य पर असर डाला है। इसी तरह भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है। बंगाल की वाम सरकार ने मुस्लिमों को नौकरी में आरक्षण दिया। हमने धार्मिक आधार पर आरक्षण का विरोध किया है और हम वोट बैंक की इस राजनीति का खुलासा करेंगे।
भाजपा का पश्चिम बंगाल में वस्तुत: कुछ दाँव पर नहीं लगा है, लेकिन मित्रा का कहना है कि पार्टी शांति और विकास के मोर्चे पर खुद को एक विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने बंगाल में अपने कैडरों के विकास पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया और तृणमूल कांग्रेस जैसे तत्कालीन सहयोगी दल पर अधिक निर्भरता दिखाने की गलती की। मित्रा ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल की सभी 294 सीटों पर चुनाव लडेगी और स्थानीय पार्टियों के साथ गठजोड़ की संभावना भी तलाशेगी।
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