कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 12 साल के कार्यकाल में पहली बार अपनी ही चुनी हुई कार्यसमिति के एक वरिष्ठ सदस्य की बगावत का सामना करना पड़ा है। आंध्रप्रदेश के वरिष्ठ नेता और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति, जो अब स्टीयरिंग कमेटी में तब्दील हो चुकी है, के वरिष्ठ सदस्य जी वेंकटस्वामी ने कहा है कि सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़कर किसी नए व्यक्ति को मौका देना चाहिए।
82 साल के उम्रदराज नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पार्टी को खराब स्थिति में ले जाने का जिम्मेदार ठहराया। वहीं विपक्ष की ओर से भी दफन कर दिए गए विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर उन्होंने पार्टी नेताओं को चौंका दिया। हैदराबाद से फोन पर बातचीत में वेंकटस्वामी ने कहा कि उन्होंने जो भी आरोप कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाए हैं, पूरी तरह सोच-समझकर लगाए हैं और उन्हें पार्टी से अपने लिए किसी तरह के रहमोकरम की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पर खुद को किनारे लगाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने मांग की है कि सोनिया गांधी को किसी भारत में जन्मे नेता को पद सौंप देना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कांग्रेस की प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी से गलबहियां पर अपना गुस्सा खुलकर जताया। हालांकि कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा है कि हमने इसे गंभीरता से लिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि वेंकटस्वामी की उम्र काफी हो चुकी है और पार्टी में उनकी भूमिका अब नहीं के बराबर है। उनकी बात को कोई भी गंभीरता से नहीं लेगा। क्यों आया गुस्सा : वेंकटस्वामी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी का प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी के घर जाकर उन्हें दिल्ली आने का न्योता देना इतना नागवार लगा कि उन्होंने कहा कि पार्टी के अब इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह अपनी सरकार बचाने के लिए नाचने वालों के घर जाकर भीख मांग रही है।
पार्टी में विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर अलग दल बनाने वाले नेताओं शरद पवार, पी ए संगमा और तारिक अनवर के बाद पहली बार पार्टी के शीर्ष नीति निर्धारक इकाई में शामिल किसी नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध इस तरह से बागी तेवर अपनाए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस आंध्रप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी के पुत्र और कांग्रेस से अलग हो चुके जगन मोहन रेड्डी की बगावत के चलते पहले से मुश्किल में है।
जगन खेमा वेंकटस्वामी के बागी तेवर से खासा उत्साहित है। फिलहाल कांग्रेस आलाकमान आंध्रप्रदेश के नाजुक सियासी समीकरण पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी अपनी पार्टी का कांग्रेस मंे विलय भी कर सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी की चिरंजीवी से हुई बातचीत के बाद कांग्रेसी ख्ेामा यह दावा भी कर रहा है कि पार्टी की आंध्रप्रदेश में सरकार को वर्ष 2014 तक कोई खतरा नहीं है।
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