अब एचयूएफ के नाम खोले गए पीपीएफ खातों को एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। 13 मई 2005 से एचयूएफ के नए खाते खोलने की मनाही हो गई थी और अब एचयूएफ के वैसे खाते, जिनकी 15 साल की मियाद पूरी हो चुकी है उन्हें कोई एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। इसके अलावा 15 साल पूरे होने के बाद एक्सटेंशन पर चल रहे खातों का एक्सटेंशन 31 मार्च 2011 से समाप्त हो जाएगा।
खातों की जमा रकम मय ब्याज और कर्ज (अगर कोई हो) के समायोजन के बाद कर्ता के हवाले कर दी जाएगी। इससे हतोत्साहित न हों। पीपीएफ के अलावा एचयूएफ को आयकर में लाभ के कई रास्ते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 2(31) एचयूएफ यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (हिंदू अविभक्त परिवार) को विशेष दर्जा देता है। इसके तहत एचयूएफ का कर्ता एचयूएफ की कमाई के लिए न सिर्फ अलग रिटर्न भर सकता है, बल्कि वह नियमानुसार उसपर छूट भी ले सकता है।
किसे कहते हैं एचयूएफ
एचयूएफ की सबसे छोटी इकाई पति-पत्नी हो सकते हैं। यानी इसके लिए परंपरागत अर्थों में संयुक्त परिवार का होना जरूरी नहीं है। शादी के साथ ही एचयूएफ का गठन हो जाता है और इसलिए एचयूएफ के पैन कार्ड बनवाने के फॉर्म में एचयूएफ के गठन की तारीख की जगह शादी की तारीख लिखी जाती है। बड़ा संयुक्त परिवार भी एचयूएफ हो सकता है।
अविवाहित बेटी होगी पिता के साथ
एकल परिवार में दंपति के बच्चे भी इसके सदस्य होते हैं। परिवार में अगर बेटी हो तो शादी के बाद पिता के एचयूएफ से उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है और वह पति के एचयूएफ में शामिल हो जाती है। ऐसा होने के लिए किसी प्रक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह कानूनन ऐसा हो जाता है।
कौन हो सकता है कर्ता
आयकर अधिनियम के अनुसार परिवार में पिता या वरिष्ठ पुरुष सदस्य एचयूएफ का कर्ता होगा। कर्ता की भूमिका परिवार के मैनेजर की होती है और एचयूएफ के सारे सदस्य इसके पार्टनर की तरह होते हैं। परिवार की महिला सदस्य कर्ता नहीं हो सकती।
कर्ता का साथ रहना कितना जरूरी
कर्ता के लिए परिवार के साथ एक ही छत के नीचे रहना बिल्कुल जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि वह परिवार के सारे मामलों की देखभाल करे। अगर कोई व्यक्ति विदेश में भी रहता है और परिवार को भारत में मैनेज करता है तो वह कर्ता की भूमिका में ठीक होगा।
एचयूएफ का कोई अपवाद
केरल में एचयूएफ की मान्यता नहीं है। केरल ज्वाइंट फैमिली सिस्टम (अबॉलिशन) एक्ट 1975 के तहत 1 दिसंबर 1976 से केरल में एचयूएफ की मान्यता खत्म हो गई है।
टिप्स
भले ही एचयूएफ के दायरे से पीपीएफ बाहर कर दिया गया है, अभी भी एचयूएफ के तहत आयकर की बहुत सी छूटें उपलब्ध हैं। अपने फाइनेंशियल प्लानर या सीए से बात कर एचयूएफ का लाभ जरूर लेना चाहिए।
खातों की जमा रकम मय ब्याज और कर्ज (अगर कोई हो) के समायोजन के बाद कर्ता के हवाले कर दी जाएगी। इससे हतोत्साहित न हों। पीपीएफ के अलावा एचयूएफ को आयकर में लाभ के कई रास्ते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 2(31) एचयूएफ यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (हिंदू अविभक्त परिवार) को विशेष दर्जा देता है। इसके तहत एचयूएफ का कर्ता एचयूएफ की कमाई के लिए न सिर्फ अलग रिटर्न भर सकता है, बल्कि वह नियमानुसार उसपर छूट भी ले सकता है।
किसे कहते हैं एचयूएफ
एचयूएफ की सबसे छोटी इकाई पति-पत्नी हो सकते हैं। यानी इसके लिए परंपरागत अर्थों में संयुक्त परिवार का होना जरूरी नहीं है। शादी के साथ ही एचयूएफ का गठन हो जाता है और इसलिए एचयूएफ के पैन कार्ड बनवाने के फॉर्म में एचयूएफ के गठन की तारीख की जगह शादी की तारीख लिखी जाती है। बड़ा संयुक्त परिवार भी एचयूएफ हो सकता है।
अविवाहित बेटी होगी पिता के साथ
एकल परिवार में दंपति के बच्चे भी इसके सदस्य होते हैं। परिवार में अगर बेटी हो तो शादी के बाद पिता के एचयूएफ से उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है और वह पति के एचयूएफ में शामिल हो जाती है। ऐसा होने के लिए किसी प्रक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह कानूनन ऐसा हो जाता है।
कौन हो सकता है कर्ता
आयकर अधिनियम के अनुसार परिवार में पिता या वरिष्ठ पुरुष सदस्य एचयूएफ का कर्ता होगा। कर्ता की भूमिका परिवार के मैनेजर की होती है और एचयूएफ के सारे सदस्य इसके पार्टनर की तरह होते हैं। परिवार की महिला सदस्य कर्ता नहीं हो सकती।
कर्ता का साथ रहना कितना जरूरी
कर्ता के लिए परिवार के साथ एक ही छत के नीचे रहना बिल्कुल जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि वह परिवार के सारे मामलों की देखभाल करे। अगर कोई व्यक्ति विदेश में भी रहता है और परिवार को भारत में मैनेज करता है तो वह कर्ता की भूमिका में ठीक होगा।
एचयूएफ का कोई अपवाद
केरल में एचयूएफ की मान्यता नहीं है। केरल ज्वाइंट फैमिली सिस्टम (अबॉलिशन) एक्ट 1975 के तहत 1 दिसंबर 1976 से केरल में एचयूएफ की मान्यता खत्म हो गई है।
टिप्स
भले ही एचयूएफ के दायरे से पीपीएफ बाहर कर दिया गया है, अभी भी एचयूएफ के तहत आयकर की बहुत सी छूटें उपलब्ध हैं। अपने फाइनेंशियल प्लानर या सीए से बात कर एचयूएफ का लाभ जरूर लेना चाहिए।
मेरा, मेरे पति का और मेरे दो बच्चों का खाता पीपीएफ में है। तो यह स्वतंत्र खातों के अंतर्गत आएगा या एचयूएफ में।
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