जम्मू-कश्मीर के देशद्रोही और अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शुक्रवार शाम तिरंगा लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह झंडा उनके देश का नहीं है। मलिक शुक्रवार शाम ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पहुंचे थे, जहां खादिम और कांग्रेस के अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के जिला महासचिव सैयद नातिक ने उन्हें फूलों के साथ तिरंगा भी भेंट करना चाहा था।
मलिक के जवाब से वहां मौजूद खादिम सकते में आ गए। इससे पहले दोपहर में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने मलिक के खिलाफ प्रदर्शन किया और होटल में उनकी ओर जूते-चप्पल उछाले। कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंक कर प्रदर्शन भी किया। इस घटना से प्रशासन में खलबली मच गई। पुलिस ने होटल की सुरक्षा बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के एक धड़े के अध्यक्ष यासीन मलिक अपनी पाकिस्तानी बेगम मुशाला के साथ बुधवार से अजमेर में हैं।
भाजयुमो कार्यकर्ता नया बाजार से जुलूस के रूप में धानमंडी स्थित होटल रॉयल पैलेस पहुंचे। इसी होटल में यासीन अपने पत्नी के साथ रुके हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने होटल में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया। इस बीच बॉलकनी में आए यासीन को देखकर कार्यकर्ताओं ने यासीन मलिक वापस जाओ, अलगाववादी नहीं चलेगा-नहीं चलेगा, नारे लगाए और उनकी ओर चप्पल-जूते उछाले। पुलिस ने भाजपा नेताओं को समझाइश के बाद होटल के बाहर से हटा दिया।
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