राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर टिप्पणी करना राजस्थान सरकार के एक मंत्री को बहुत महंगा पड़ा है। मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अमीन खां से इस्तीफा मांग लिया है। मंत्री ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया जिसे स्वीकार कर लिया गया है ।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अमीन को टिप्पणी को लेकर इस्तीफा देने को कहा है। दिल्ली में गहलोत ने इस मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राजस्थान में पार्टी मामलों के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक से चर्चा की। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से भी फोन पर बात कर अपने मंत्री की टिप्पणी पर खेद जताया है।
गौरतलब है कि पाली जिले में मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में अमीन खां ने कहा था कि प्रतिभा पाटिल ने कभी पद की मांग नहीं की, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी और उनका किचन संभालने के कारण उन्हें राष्ट्रपति पद तक पहुंचने का अवसर मिला। मंत्री की इस टिप्पणी के बाद मामला गरमा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने खां पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के मंत्री देश की राष्ट्रपति के खिलाफ ऐसी बात कह रहे हैं।
श्री राजपूत कर्णी सेना और राजपूत सभा ने भी मंत्री की टिप्पणी के विरोध में धरना देते हुए उन्हें कैबिनेट से हटाने की मांग की थी। दूसरी ओर, अमीन खां ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा था ‘मैंने कार्यकर्ताओं को केवल वफादारी का उदाहरण दिया था। राष्ट्रपति के खिलाफ टिप्पणी की मेरी मंशा नहीं थी। मैंने सिर्फ यह कहा था कि प्रतिभा पाटिल समर्पित और साधारण कार्यकर्ता थीं। मैंने कार्यकर्ताओं को उनके नेता और पार्टी के प्रति वफादार रहने की नसीहत दी थी।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अमीन को टिप्पणी को लेकर इस्तीफा देने को कहा है। दिल्ली में गहलोत ने इस मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राजस्थान में पार्टी मामलों के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक से चर्चा की। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से भी फोन पर बात कर अपने मंत्री की टिप्पणी पर खेद जताया है।
गौरतलब है कि पाली जिले में मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में अमीन खां ने कहा था कि प्रतिभा पाटिल ने कभी पद की मांग नहीं की, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी और उनका किचन संभालने के कारण उन्हें राष्ट्रपति पद तक पहुंचने का अवसर मिला। मंत्री की इस टिप्पणी के बाद मामला गरमा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने खां पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के मंत्री देश की राष्ट्रपति के खिलाफ ऐसी बात कह रहे हैं।
श्री राजपूत कर्णी सेना और राजपूत सभा ने भी मंत्री की टिप्पणी के विरोध में धरना देते हुए उन्हें कैबिनेट से हटाने की मांग की थी। दूसरी ओर, अमीन खां ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा था ‘मैंने कार्यकर्ताओं को केवल वफादारी का उदाहरण दिया था। राष्ट्रपति के खिलाफ टिप्पणी की मेरी मंशा नहीं थी। मैंने सिर्फ यह कहा था कि प्रतिभा पाटिल समर्पित और साधारण कार्यकर्ता थीं। मैंने कार्यकर्ताओं को उनके नेता और पार्टी के प्रति वफादार रहने की नसीहत दी थी।
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