गोधरा दंगों की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट सामने आ गयी है. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में मोदी को क्लीनचिट नहीं दी गयी है. मतलब दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका साफ-सुथरी नहीं है.
इससे पहले ये बात सामने आयी थी कि एसआईटी ने नरेन्द्र मोदी को दंगों के मामले में क्लीचिट दे दी है. पर अब जबकि रिपोर्ट सामने आ गयी है, सीधे संकेत यही हैं कि मोदी के हाथ दंगों में साफ नहीं हैं. 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में जलकर 61 लोगों की मौत हो गयी थी.
उसके बाद पूरे गुजरात में भीषण दंगे हुए थे.मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे और गृहमंत्रालय भी उन्हीं के पास था. ऐसे में दंगों के दौरान प्रशासन की भूमिका को लेकर जांच की गयी और खोजा गया कि दंगों को रोकने में नरेन्द्र मोदी की भूमिका क्या रही.
एसआईटी ने जो भी जांच में पाया है उसके मुताबिक नरेन्द्र मोदी दंगों के दाग से बचे नहीं हैं. साबरमती एक्सप्रेस गोधरा कांड में फैसला 16 फरवरी को आने वाला है.
माना जा रहा है की एसआईटी की यह रिपोर्ट केंद्र सरकार के दखल के बाद संशोधित की गई है, यदि इस रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट दे दी जाती तो कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के पास तो कोई मुद्दा ही नहीं रहता.
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