मुंबई हमलों में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को दी गई फांसी की सजा पर सुनवाई करते हुए सोमवार को बांबे हाई कोर्ट ने फांसी के फैसला को बरकरार रखा है। आज बांबे हाईकोर्ट में जस्टिस रंजना देसाई और आर.वी.मोरे की बेंच ने कसाब की फांसी पर पक्की मुहर लगा दी।
इससे पहले कसाब की वकील फरहाना शाह ने कहा, 'वह बहुत कमजोर और थका हुआ लगता है। शायद वह स्वस्थ नहीं है। वह मुश्किल से किसी से बात करता है और उसकी वे आदतें बदल गई हैं, जिसके लिए वह जाना जाता है।'
शाह ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को बंबई हाई कोर्ट में कसाब की पेशी से संबंध में ऑर्थर रोड स्थित सेंट्रल जेल में उससे छोटी सी मुलाकात की थी। आज अदालत ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया है।
फरहाना ने कहा कि कसाब बहुत गुमसुम, हतोत्साहित और उदास दिख रहा था। फरहाना ने कहा, 'वह कोई अखबार चाहता था, लेकिन मेरे पास अखबार नहीं था। उसका घमंड गायब हो गया है। जब मैंने उससे कहा कि फैसले के समय विडियो कैमरे के सामने उसे मौजूद रहना है, तो वह तुरंत तैयार हो गया।'
उसके पूर्व के स्वभाव में यह बड़ा बदलाव था। इसके पहले एक शुरुआती सुनवाई के दौरान उसने हिंसक रुख दिखाया था। उसने तब विडियो कैमरे पर थूक दिया था। उसने फांसी की सजा को अस्वीकार कर दिया था और खुद को अमेरिका भेजने की मांग की थी।
गौरतलब है कि लोअर कोर्ट के स्पेशल जज एम.एल.ताहिलयानी ने मई 2010 में कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी।
मुबंई हमलों की रैकी में मदद करने के आरोपी बनाए गए शबाउद्दीन और फहीम अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामले की जांच कर रही एटीएस फहीम अंसारी और शबाउद्दीन के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में इन दोनों भारतीय आरोपियों को बरी कर दिया है।
मुंबई हमलों में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को दी गई फांसी की सजा पर सुनवाई करते हुए सोमवार को बांबे हाई कोर्ट ने फांसी के फैसला को बरकरार रखा है। आज बांबे हाईकोर्ट में जस्टिस रंजना देसाई और आर.वी.मोरे की बेंच ने कसाब की फांसी पर पक्की मुहर लगा दी।उसके पूर्व के स्वभाव में यह बड़ा बदलाव था। इसके पहले एक शुरुआती सुनवाई के दौरान उसने हिंसक रुख दिखाया था। उसने तब विडियो कैमरे पर थूक दिया था। उसने फांसी की सजा को अस्वीकार कर दिया था और खुद को अमेरिका भेजने की मांग की थी।
गौरतलब है कि लोअर कोर्ट के स्पेशल जज एम.एल.ताहिलयानी ने मई 2010 में कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी।
मुबंई हमलों की रैकी में मदद करने के आरोपी बनाए गए शबाउद्दीन और फहीम अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामले की जांच कर रही एटीएस फहीम अंसारी और शबाउद्दीन के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में इन दोनों भारतीय आरोपियों को बरी कर दिया है।
इससे पहले कसाब की वकील फरहाना शाह ने कहा, 'वह बहुत कमजोर और थका हुआ लगता है। शायद वह स्वस्थ नहीं है। वह मुश्किल से किसी से बात करता है और उसकी वे आदतें बदल गई हैं, जिसके लिए वह जाना जाता है।'
शाह ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को बंबई हाई कोर्ट में कसाब की पेशी से संबंध में ऑर्थर रोड स्थित सेंट्रल जेल में उससे छोटी सी मुलाकात की थी। आज अदालत ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया है।
फरहाना ने कहा कि कसाब बहुत गुमसुम, हतोत्साहित और उदास दिख रहा था। फरहाना ने कहा, 'वह कोई अखबार चाहता था, लेकिन मेरे पास अखबार नहीं था। उसका घमंड गायब हो गया है। जब मैंने उससे कहा कि फैसले के समय विडियो कैमरे के सामने उसे मौजूद रहना है, तो वह तुरंत तैयार हो गया।'
उसके पूर्व के स्वभाव में यह बड़ा बदलाव था। इसके पहले एक शुरुआती सुनवाई के दौरान उसने हिंसक रुख दिखाया था। उसने तब विडियो कैमरे पर थूक दिया था। उसने फांसी की सजा को अस्वीकार कर दिया था और खुद को अमेरिका भेजने की मांग की थी।
गौरतलब है कि लोअर कोर्ट के स्पेशल जज एम.एल.ताहिलयानी ने मई 2010 में कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी।
मुबंई हमलों की रैकी में मदद करने के आरोपी बनाए गए शबाउद्दीन और फहीम अंसारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामले की जांच कर रही एटीएस फहीम अंसारी और शबाउद्दीन के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में इन दोनों भारतीय आरोपियों को बरी कर दिया है।
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