अपने 'विजन ऑफ कश्मीर' नक्शे में अक्साई चिन व कराकोरम क्षेत्र को चीन का हिस्सा बताने वाली पीडीपी को अपनी इस हरकत पर कोई अफसोस नहीं है। कश्मीर के मुख्य विपक्षी दल की नेता महबूबा मुफ्ती सोमवार को भी न केवल अपने रुख पर कायम रहीं, बल्कि यहां तक कह दिया कि केंद्र को भी पीडीपी के रुख की सराहना करनी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस ने विवादास्पद नक्शे को अत्यंत आपत्तिजनक बताते हुए पीडीपी को आड़े हाथों लिया। साथ ही कूटनीतिक और राजनीतिक गंभीरता के मद्देनजर जल्द से जल्द उसे वापस लेने की भी सलाह दी है।बकौल महबूबा, 'पीडीपी एक मात्र ऐसी पार्टी ने जिसने कश्मीर समस्या के समाधान संबंधी अपनी योजना में राज्य के उन क्षेत्रों को भी शामिल किया है, जिन्हें चीन अवैध तरीके से हथियाए हुए है।
केंद्र को हमारी इस दमदारी की प्रशंसा करनी चाहिए।'उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा, क्या जम्मू- कश्मीर के हथियाए गए हिस्से की वापसी की मांग करना नाजायज है। पीडीपी के नक्शे के बारे में गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर पीडीपी अध्यक्ष ने कहा,तथ्यों को जाने बगैर गृह मंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त व्यक्त कर दी। महबूबा ने गृह मंत्री को नसीहत देते हुए कहा, बेहतर होता अगर वह अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नत्थी वीजा जैसे चीन से जुड़े मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करते।
महबूबा के मुताबिक, चिदंबरम को पीडीपी की चिंता छोड़ कर लेह क्षेत्र में चीनी घुसपैठ को रोकने के लिए कुछ करना चाहिए। केंद्र को चीन के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा, पीडीपी को वैसा ही जम्मू-कश्मीर चाहिए, जो 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के पूर्व था। यानी उन सभी हिस्सों के एकीकरण की पक्षधर है, जो पाकिस्तान और चीन के नियंत्रण में है।वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने दिल्ली में कहा, पीडीपी को यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय संसद 22 फरवरी, 2004 को सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में यह फिर से स्पष्ट कर चुकी है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
पीडीपी ने विजन ऑफ कश्मीर मैप [नक्शे] में पीले, हरे व लाल रंग में भारतीय भूभाग को चीन में दर्शाया है। यह अत्यंत आपत्तिजनक है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जिस क्षेत्र की बात कर रही हैं, भारत के लिए उसका कूटनीतिक और राजनीतिक महत्व है। लिहाजा पीडीपी को तुरंत अपने उस नक्शे को वापस लेना चाहिए।गौरतलब है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के किसी भी हिस्से में अभी तक चीन का किसी प्रकार के दखल की बात को नहीं मानती है, जबकि पीडीपी ने अक्साई चिन व कराकोरम क्षेत्र में चीन का कब्जा बताया है।
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