मालेगाँव, अजमेर और हैदाराबाद विस्फोट मामले में सरकारी जाँच को दुष्प्रचार की साजिश का हिस्सा बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इन मामलों की निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से जाँच करने के लिए एक स्वतंत्र आयोग गठित करने के वास्ते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है और मुलाकात के लिए समय माँगा है।
संघ की ओर से प्रधानमंत्री को यह पत्र कल सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने लिखा जिसमें कर्नल पुरोहित और दयानंद पाण्डेय के षड्यंत्र को महज आपराधिक मामला नहीं बल्कि राजनीतिक हथकंडा बताते हुए महाराष्ट्र एटीएस पर सरसंघचालक मोहन भागवत और वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार की हत्या की साजिश रचे जाने से जुड़े मामले को दबाने का आरोप लगाया गया।
पत्र की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने यहाँ कहा, ‘संघ का स्पष्ट मानना है कि कर्नल पुरोहित की भूमिका राजनीतिक थी और वह अपने विवेक के आधार पर कुछ नहीं कर रहा था। उसकी कोशिश संघ और सहयोगी संगठनों में दरार पैदा करने की थी। उसने सरसंघचालक भागवत और इंद्रेश कुमार को मारने की साजिश रची जिसका पता महाराष्ट्र एटीएस के आरोपपत्र से चलता है।’
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जाँच एजेंसियाँ ऐसे लोगों से संघ का रिश्ता जोड़ रही हैं और हत्या की साजिश के पहलू पर जाँच कार्य आगे नहीं बढ़ा रही हैं।
पत्र में कहा गया है कि, ‘पूरा षड्यंत्र वास्तव में एक राजनीतिक हथकंडा है, इसलिए महज आपराधिक छानबीन से कुछ पता नहीं चल सकता है। इस बात का पता लगाए जाने की जरूरत है कि इसके पीछे किस प्रकार का राजनीतिक एजेंडा है और इस साजिश के पीछे कौन लोग हैं।
इसकी जाँच के लिए एक निष्पक्ष स्वतंत्र आयोग गठित किए जाने की जरूरत है।’
यह पूछे जाने पर कि जब संघ को जाँच एजेंसियों के रवैये पर संदेह था तो इस विषय को पहले क्यों नहीं उठाया गया, वैद्य ने कहा, ‘हम पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि जाँच प्रक्रिया में एजेंसियों को पूरा सहयोग देंगे और हमारी अपेक्षा थी कि जांच कार्य पारदर्शितापूर्ण ढंग से होगा। लेकिन इस दौरान हमने महसूस किया कि जाँच एजेंसियाँ जानबूझकर कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही हैं और अमर्यादित व्यवहार एवं चरित्रहनन कर रही हैं।’
उन्होंने कहा कि जाँच अब आपराधिक मामले की जाँच नहीं रह गई है बल्कि संघ के विरूद्ध राजनीतिक एजेंडा और दुष्प्रचार का हथियार बन गई है। कांग्रेस के एक महासचिव भी संघ के विरूद्ध विद्वेषपूर्ण अभियान चलाये हुए हैं जिससे राजनीतिक एजेंडे की पुष्टि होती है।
वैद्य ने कहा कि महाराष्ट्र एटीएस ने संघ के नेताओं को जान से मारने की साजिश पर जाँच कार्य को आगे नहीं बढ़ाया बल्कि जांच प्रक्रिया को जानबूझकर विकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर इस पहलू की निष्पक्ष जाँच सामने आए तो संघ के विरूद्ध चलाए गए अभियान की हवा निकल आएगी।
जोशी ने अपने पत्र में लिखा है कि संघ आमतौर पर राजनीतिक सत्ता से कोई संवाद नहीं करता लेकिन मामला संवेदनशील है, अत: इसकी गंभीरता को देखते हुए प्रत्यक्ष मिलकर इस विषय पर संवाद करने का अवसर प्रदान करें।
is ptr ko sudhara jaye is me purohit ko kaise dosh de diya bhut anuchit hai
ReplyDelete