गाँवों तथा छोटे शहरों के आयकर दाताओं को अब कर रिटर्न जमा कराने के लिए बड़े शहरों को नहीं आना होगा क्योंकि वित्त मंत्रालय इस बारे में आयकर अधिकारियों (आईटीओ) के अधिकार बढ़ाने जा रहा है।
मंत्रालय ने यह फैसला छोटी जगहों के करदाताओं के समक्ष दिक्कतों को देखते हुए किया है। नई व्यवस्था एक अप्रैल (अगले वित्त वर्ष) से लागू होगी।
नए नियमों के तहत कस्बों या छोटे शहरों के आईटीओ अब गैर कॉर्पोरेट श्रेणी में 15 लाख रुपए तथा कॉर्पोरेट श्रेणी में 20 लाख रुपए तक के आईटी रिटर्न का काम देख सकेंगे। आईटीओ इस बारे में नोडल अधिकारी रहता है।
वहीं दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व हैदराबाद जैसे महानगरों में आईटीओ कॉर्पोरेट श्रेणी में 30 लाख रुपए तथा गैर कॉर्पोरेट श्रेणी में 20 लाख रुपए तक के रिटर्न देख सकेंगे।
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