आए दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कभी किताबों और कभी किसी प्रोडक्ट के जरिए अनर्गल बातों और आरोप लगाने वालों को देशद्रोह के जुर्म में जेल जाना पड़ सकता है।केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है जिसके तहत राष्ट्रपिता की मानहानि करने को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा।
विधि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने विधि मंत्रालय को राष्ट्र सम्मान विधेयक 1971 के तहत संशोधन करने को कहा है जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अपमानजनक बातों को देशद्रोह माना जाएगा। इस नए कानून के तहत वे सभी धाराएं और प्रावधान शामिल होंगे जो संविधान और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर लागू होती है। केंद्र सरकार ने यह निर्णय हाल ही में आई विदेशी लेखक लेवेल्ड की किताब में महात्मा गांधी के विषय में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद लिया है।
यदि राष्ट्रध्वज को जलाने, अपमानित करने पर जिस प्रकार तीन साल की सजा का प्रावधान है उसी प्रकार महात्मा गांधी की तस्वीरों और अनर्गल बातों पर भी सजा का प्रावधान होगा। केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न सिर्फ देश के राष्ट्रपिता है बल्कि दुनियाभर में अपने त्याग और संघर्ष के लिए जाने जाते हैं।
ऐसे में उनके खिलाफ की गई किसी भी अपमानजनक टिप्पणी पर कार्यवाही होनी चाहिए। गौरतलब है कि 2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें गांधी के सम्मान को अनिवार्य करने की बात कही गई थी।
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