छत्तीसगढ़ की सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर निगरानी रखने के आदेश जारी किए हैं.राज्य के ख़ुफ़िया विभाग से कहा गया है कि वह अग्निवेश की हर गतिविधि पर नज़र रखें. इस आशय का आदेश राज्य के गृह मंत्री ननकीराम कँवर ने जारी किया है.
बीबीसी से एक साक्षात्कार में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ने आरोप लगाया है कि बिनायक सेन के साथ-साथ स्वामी अग्निवेश भी माओवादियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा कि डॉक्टर बिनायक सेन सान्याल नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम कर रहे थे और उन्हें लगता है कि अग्निवेश भी शहरी नेटवर्क में हैं.कँवर का कहना था कि उन्होंने "व्यक्तिगत रूप से" पुलिस विभाग से स्वामी अग्निवेश पर निगरानी रखने का लिखित आदेश दिया है.
इतना ही नहीं गृहमंत्री का कहना है कि उन संगठनों पर भी नज़र रखी जा रही है जो अपने काय्रक्रमों में स्वामी अग्निवेश को आमंत्रित करते हैं.छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ननकीराम कँवर का कहना है कि सीडी में अग्निवेश को "भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को लाल सलाम" का नारा लगाते हुए दिखाया गया है.
कँवर कहते हैं, "आप सीडी देखेंगे तब समझ में आएगा. वह नारे लगा रहे हैं भारत की सेना वापस जाओ." कँवर का कहना है कि सरकार मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालना नहीं चाहती है.उन्होंने कहा, "विभाग के लोग और मुख्यमंत्री भी कहते हैं कि मधुमक्खी के छत्ते में हाथ मत डालो.
लेकिन हाथ तो डालना ही है माओवादियों के शहरी नेटवर्क में. अब साधू के वेश में तो मुश्किल है ना."गृह मंत्री का कहना है कि अब आम लोग भी अग्निवेश के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.कँवर आगे कहते हैं, "विभाग को मैंने व्यक्तिगत रूप से बोल दिया है कि उन पर निगरानी रखे, जितने संगठनों में वह जाते हैं उन संगठनों के क्रियाकलापों पर भी नज़र रखें."
उन्होंने बताया कि निगरानी का मतलब ये कि वे किस तरह के लोगों से मिलते हैं, किस तरह उनको बहकाते हैं और किस तरह के लोगों के साथ काम करते हैं
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