ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल गांवों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और लाशों के साथ राख के 74 ढेर देखे जाने के दावे पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दोनों गांवों में एक भी शख्स राहुल गांधी के दावों की पुष्टि नहीं कर रहा है। गांवों के कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसी खबरें सुनी हैं।
गांव वाले आम तौर पर यही कह रहे हैं कि पुलिस ने उनकी पिटाई की है। राहुल गांधी के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने गईं वीरेंद्री देवी का कहना है कि उन्हें यह नहीं मालूम है कि गांव में किसी महिला के साथ ज़मीन के अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दुष्कर्म किया गया है। वीरेंद्री देवी ने कहा, 'कुछ महिलाओं की पुलिस ने पिटाई की है।
वीरेंद्री ने कहा, 'पिटाई के बाद महिलाएं मेरे घर पर आई थीं। उन्हें गालियां भी दी गई। मेरी बेटी को भी पुलिस ने पीटा। मैंने सुना है कि कुछ महिलाओं के साथ जोर जबर्दस्ती की गई है। लेकिन मुझे ऐसी किसी महिला के बारे में जानकारी नहीं है।'
राहुल गांधी के दावों के बाद गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भट्टा-परसौल गांवों से मंगलवार को कुछ सैंपल इकट्ठा करके जांच के लिए आगरा भेजे हैं। मेरठ के मंडलायुक्त भुवनेश कुमार ने राहुल के दावों को गलत बताते हुए कहा, 'पुलिस के खिलाफ कुछ आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्होंने गांववालों को जला दिया है। यह सब झूठ है। सच जल्द ही सामने आएगा।'
जल्द ही बात खुल गयी,
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