अमेरिका में एक पायलट ने दो मुस्लिम धार्मिक नेताओं को विमान में बैठने को लेकर आपत्ति जताई और उन्हें विमान से बाहर उतार दिया। मेम्फिस यूनिवर्सिटी से जुड़े मसूद उर रहमान का आरोप है कि उन्हें और उनके साथ बैठे एक अन्य ईमाम को विमान से उतरने को कहा गया। मेम्फिस के रहने वाले रहमान का कहना है कि वो विमान में सवार होने के वक्त परंपरागत भारतीय पोशाक में थे जबकि उनके साथी मोहम्मद जगुलौल अरबी वेशभूषा में थे।
रहमान ने कहा कि शुक्रवार को सुबह 8:40 बजे विमान को रवाना होना था, इसके लिए उन्हें सुरक्षा जांच के बाद विमान में सवार होने के लिए हरी झंडी भी मिल गई। विमान अभी थोड़ी दूर चला ही था कि विमान के पायलट ने घोषणा की कि विमान को लौटना पड़ेगा। विमान लौटा तो ईमाम को विमान से उतरने को कहा गया। मुस्लिम धर्मगुरूओं को बोर्डिंग गेट पर जाने को कहा गया क्योंकि पायलट ने इन दो मुसाफिरों को साथ लेकर विमान उड़ाने से इनकार कर दिया। वजह बताई गई कि इन दो मुसाफिरों की वजह से अन्य मुसाफिरों को दिक्कत हो रही है।
रहमान ने कहा, 'नस्ली भेदभाव के चलते हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया गया। उन्हें हमारे धर्म की जानकारी नहीं है इसलिए उन्होंने हमारे साथ ऐसा किया। यदि वो इस्लाम का मतलब समझते तो ऐसा नहीं करते।'
घटना मेम्फिस इंटरनेशनल एयरपोर्ट की है। इन दोनों मुसाफिरों को डेल्टा कनेक्शन की फ्लाइट से नॉर्थ कैरोलाइना के शारलोट जाना था। अटलांटा में ट्रांसपोर्टेशन सिक्यूरिटी एडमिनिस्ट्रेशन के प्रवक्ता जॉन एलन ने इस घटना की पुष्टि की और कहा कि इस घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है। डेल्टा एयर लाइन्स की प्रवक्ता ने बताया कि यह फ्लाइट अटलांटा स्थित अटलांटिक साउथ ईस्ट एयरलाइंस द्वारा संचालित होती है। अटलांटिक साउथ ईस्ट एयरलाइंस के प्रवक्ता जेरेक बीम ने कहा, 'हम सुरक्षा के मामले में किसी तरह की कोताही नहीं बरतते। मामले की जांच की जा रही है।' बीम ने हालांकि इस घटना के लिए माफी भी मांग ली है।
रहमान ने कहा कि डेल्टा एयरलाइंस के अधिकारियों ने पायलट से आधे घंटे से अधिक बात की लेकिन उसने मौलाना को विमान में बैठाने से इनकार कर दिया। बाद में इन लोगों को प्रतीक्षालय में ले जाया गया और दूसरे विमान से भेजा गया। इन मौलानाओं ने वाशिंगटन स्थित काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस में अपनी शिकायत दर्ज करा दी है।
जब आतंक की घटनाएं बढेंगी तब एक दूसरे के प्रति अविश्वास भी बढेगा।
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