राजा दक्ष की नगरी कनखल से योग का सफर शुरू करने वाले बाबा रामदेव अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। बाबा रामदेव इन दिनों आत्ममंथन में जुटे हैं। पतंजलि योगपीठ में बाबा के दिन की शुरुआत ब्रह्मामुहूर्त में उठने के साथ होती है।
आज भी वह पहले की तरह सुबह 11 और शाम के सात बजे फल, दूध और सब्जी का सेवन कर रहे हैं। सुबह योग करने से लेकर रात को जमीन पर सोने तक उनकी दिनचर्या में कुछ बदलाव नहीं हुआ है। इस बात से बहुत कम लोग ही वाकिफ होंगे योग गुरु ने 14 सालों से अन्न ग्रहण नहीं किया है।
सुबह बाबा रामदेव करीब चार बजे उठते हैं। जरूरी कार्य निपटाने के बाद बाबा योग और प्राणायाम में लग जाते हैं। ओम के उच्चारण के साथ ध्यान भी लगाया जाता है। अन्य दिनों की भांति बाबा अपने भक्तों के साथ योग करने के बजाए अकेले ही सुबह 7.30 तक योग क्रियाओं में लगे रहते हैं। इसके बाद अपने कमरे में अकेले वक्त गुजारने के बाद सुबह ठीक 11 बजे उनके सहयोगी शीशपाल उनके लिए मौसमी फल और दूध लेकर आते हैं।
हालांकि, बाबा सेहत के मद्देनजर तरल चीजें ज्यादा ले रहे हैं। बाबा पहले की तरह ही दोपहर का खाना नहीं खा रहे हैं। आत्ममंथन के दौरान वह किसी खास सहयोगी की बात ही सुनते हैं। कुछ बताना होता है तो कागज पर लिखकर निर्देश दे देते हैं।सूत्रों की मानें तो बाबा रामदेव खिड़की से आसमान का नजारा काफी देर तक देखते रहते हैं।
इसके बाद शाम छह से सात के बीच में उबली हुयी लौकी या अन्य सब्जियां व फलों का सेवन करते हैं। बाबा पिछले चौदह सालों से अन्न नहीं ग्रहण कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, बाबा अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
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