गुजरात सरकार ने गोधरा मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर करके 20 आरोपियों को मुत्यु दंड देने की मांग की है। इन सभी लोगों को वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इस मामले में सरकारी वकील जे. एम. पांचाल ने शनिवार को कहा कि हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 20 आरोपियों को मुत्यु दंड दिए जाने की मांग की है, इन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इसके अलावा हमने निचली अदालत द्वारा रिहा किए गए आरोपियों को भी अधिकतम सजा देने की मांग की है।
निचली अदालत ने मामले में इस साल 22 फरवरी को 11 लोगों को मौत की सजा भी सुनाई थी और अन्य लोगों को रिहा कर दिया था। पंचाल ने दावा किया कि रिहा किए गए लोगों के खिलाफ सरकार के पास पर्याप्त सबूत हैं।27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमति एक्सप्रेस रेलगाड़ी के दो कोचों में लगी आग से 59 लोगों की मौत हुई थी।
जब है केन्द्र में कांग्रेसी सरकार नहीं है उम्मीद
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