
इन सांसदों में से एक अशोक अर्गल के ख़िलाफ़ मामला चलेगा जबकि बाकी दोनों सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोड़ा पर पहले ही घूस लेने का मामला चल रहा है.भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के तत्कालीन सलाहकार सुधींद्र कुलकर्णी पर भी आरोप है कि उन्होंने इस पूरे अभियान की योजना बनाई ताकि यूपीए सरकार की रिश्वत देने की मंशा का पर्दाफाश किया जा सके.
कुलकर्णी पर भी आपराधिक मामला चल सकता है जिसमें रिश्वत का प्रस्ताव देने का आरोप लगाया जा सकता है.सन् 2008 में परमाणु सौदे के मुद्दे पर वोटिंग हुई थी. यूपीए सरकार को वोटिंग में बहुमत मिला लेकिन रिश्वत देकर वोट खरीदने का मामला बहुत विवादित रहा.बीजेपी का कहना है कि यूपीए ने तीन भाजपा सांसदों अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोड़ा को रिश्वत की पेशकश की गई थी और वो यही पैसा लेकर संसद में पहुंचे थे ताकि वो अपनी बात संसद के सामने रख सकें.
इस मामले में एक टीवी चैनल की निष्पक्षता भी संदेह के घेरे में आई थी जिसके साथ मिलकर रिश्वत के लेन देन की प्रक्रिया का एक स्टिंग आपरेशन भी किया गया था.बाद में बीजेपी सांसद कुलस्ते और भगोड़ा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया और आरोपपत्र दायर किया गया जबकि पुलिस ने अर्गल के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर करने के लिए लोकसभा स्पीकर से अनुमति मांगी है क्योंकि अर्गल अभी भी सांसद हैं
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