सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सरकार भी अन्ना हजारे से यह लिखित आश्वासन चाहती है कि वह लोकपाल विधेयक पर प्रस्ताव पारित होने के बाद अपना अनशन तोड़ देंगे। कहा जा रहा है कि सरकार विपक्ष की सहमति के बाद प्रस्ताव पेश करेगी।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रस्ताव में सभी की भावनाओं का समावेश होगा।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रस्ताव में सभी की भावनाओं का समावेश होगा।
इस बीच, टीम अन्ना के एक सदस्य ने कहा कि एक बार संसद लोकपाल विधेयक पर प्रस्ताव पारित कर दे तो हजारे अपना अनशन वापस ले लेंगे।
हजारे ने अपना अनशन समाप्त करने के लिए तीन शर्तें निर्धारित की हैं। इन शर्तों में सभी सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, सभी सरकारी ऑफिसों में एक सिटीजन चार्टर बनाने और सभी प्रदेशों में लोकायुक्त की नियुक्ति पर संसद में चर्चा शामिल है।
74 वर्षीय हजारे ने कहा है कि अगर संसद जन लोकपाल विधेयक पर विचार-विमर्श करती है और सदन में इन तीन शर्तों पर कोई समझौता होता है, तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे।
हजारे पक्ष की सदस्य किरण बेदी ने कहा, ' हमारी गरुवार रात बीजेपी नेतृत्व के साथ एक सार्थक
बातचीत हुई। हमें लगा कि वे हजारे के प्रयासों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। पेश किए गए प्रस्ताव पर गेंद अब सरकार के पाले में है। '
उन्होंने कहा, ' जैसा कल रात की बैठक में दिखा, अगर बीजेपी अहम मुद्दों का समर्थन करती है, तो आगे की जिम्मेदारी सरकार की बनती है। हजारे केवल तभी अपना अनशन तोड़ेंगे, जब संसद इन तीन मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करेगी। '
jarur hoga,
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