भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि लाल चौक पर तिरंगा फहराने के पीछे राजनीति है। मैं नहीं समझता कि राष्ट्र ध्वज फहराकर क्या राजनीति की जा सकती है। यह राजनीति नहीं बल्कि हमारा कर्तव्य है।
भाजपा मुख्यालय में राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद गडकरी ने संवाददाताओं से यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार अलगाववादियों के दबाव के आगे झुक गई है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार को हिरासत में लिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए गडकरी ने उम्मीद जतायी कि उनके कुछ पार्टी नेता लाल चौक पर तिरंगा फहराने में सफल होंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को दो भाजपा कार्यकर्ताओं को लाल चौक में घुसने का प्रयास करते हुए गिरफ्तार किया गया। बहरहाल, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बुधवार सुबह अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी, जब गडकरी ने उनसे ऐसा करने का आग्रह किया था।
गडकरी ने कहा कि मैंने उनसे आग्रह किया कि राष्ट्रीय त्योहार के दिन भूख हड़ताल पर नहीं रहे। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि पार्टी का हिरासत में लिए गए वरिष्ठ नेताओं के साथ सम्पर्क नहीं है।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अरुण जेटली समेत बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। इसके साथ ही उमर ने गिरफ्तार किए गए बीजेपी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को छोड़ देने के आदेश दिए।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी नेताओं को राज्य में होने वाले जम्मू या श्रीनगर में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में से किसी में भी शामिल होने का न्योता दिया। उमर ने यह कदम बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के गिरफ्तार होने के कुछ ही घंटे बाद उठाया। उमर अब्दुल्ला ने गणतंत्र दिवस की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई। उमर ने लोगों से गणतंत्र दिवस के मौके पर अलगाववादियों के मंसूबों को कामयाब न होने देने की अपील भी की।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को बीजेपी की राष्ट्रीय एकता यात्रा कठुआ में रोक दी थी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं को पांच सौ कार्यकर्ताओं के साथ जम्मू में घुसने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार कर लिया था। गौरतलब है कि कोलकाता से 13 जनवरी को शुरू हुई पार्टी की यह यात्रा श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर संपन्न होनी थी।
कठुआ के लखनपुर क्षेत्र में गिरफ्तार किए गए ये नेता गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्रीनगर के लाल चौक में झंडा फहराने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पठानकोट से रावी नदी का पुल पार कर जम्मू के लखनपुर इलाके में घुसे थे। इन्हें श्रीनगर जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने राज्य में धारा 144 लागू की थी।
गिरफ्तार नेताओं में संसद के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, पार्टी के उपाध्यक्ष शांता कुमार, महासचिव अनंत कुमार, बीजेपी युवा मोर्चा के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर भी शामिल थे। इन नेताओं को उसी जगह से गिरफ्तार किया गया जहां से 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था।