आज से नए आईपी एड्रेस मिलना बंद, IPV6 का आरम्भ होगा

शुक्रवार दिनांक 4 फ़रवरी 2011 से संख्या के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। लेकिन इससे इंटरनेट काम करना नहीं बंद करेगा क्योंकि पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) को उपयोग में लाया जाएगा।

मालूम हो कि इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक आईपी एड्रेस आवंटित किया जाता है। अब जबकि लाखों फोन ऑनलाइन हो चुके हैं, आईपी एड्रेस को संख्या के रूप में आवंटित करने में काफी दिक्कत हो रही है। इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी) वर्जन4 की शुरुआत 80 के दशक में की गई थी। उस समय इसे 4.1 अरब आईपी पतों के लिए तैयार किया गया था

ऐसा माना जा रहा था कि यह संख्या कभी कम नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब का विकास करने वालों ने शुरुआती चरण में सोचा था कि इंटरनेट का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आईपीए एड्रेस फोन नम्बर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइटों तक पहुंचता है और साथ ही ईमेल भी प्राप्त करता है। यह सर्फ करने वालों को अपने गंतव्य पर पहुंचने में मदद करता है।

घोटालों पर प्रधानमंत्री को जबाब देना ही होगा - गडकरी

भाजपा ने गुरुवार कहा कि . राजा और सुरेश कलमाड़ी आदि को बली का बकरा बना कर अन्य दोषियों की बेदाग बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी जवाबदेही बनती है।

पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा की गिरफ्तारी को महज ‘ढकोसला’ बताते हुए पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहाँ कहा कि राजा और कलमाड़ी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री की अनुमति से ही निर्णय किए, इसलिए देश के सामने इस बात का खुलासा होना चाहिए कि राजा का गॉडफादर कौन है और इन घोटालों में और कौन-कौन शामिल है। देश की जनता को यह जानने का हक है।

उन्होंने कहा कि ए. राजा और सुरेश कलमाड़ी को 2 जी स्पेक्ट्रम तथा राष्ट्रमंडल खेल घोटालों में 'बली का बकरा' बनाकर मुक्ति नहीं पाई जा सकती है। सभी फैसले केन्द्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री ने किए हैं, इसलिए संयुक्त संसदीय समिति की जाँच से ही पूरी सचाई सामने आ सकती है।

जेपीसी की माँग दोहराते हुए उन्होंने कहा जब तक इससे जाँच नहीं कराई जाती है, पूरी सचाई सामने नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जब तक सारी सचाई सामने नहीं आती है और अंतिम बिंदु तक की जाँच नहीं कराई जाती है, राजा की गिरफ्तारी महज ढकोसला होगा।

कांग्रेस और संप्रग पर 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इनके बिना इतने बड़े पैमाने पर घोटाले होना संभव नहीं था।

उन्होंने कहा कि राजा और कलमाड़ी को 'बली का बकरा' बना कर अन्य दोषियों की बेदाग छवि बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अपनी खाल बचाने के लिए सरकार केवल कुछ लोगों को बलि का बकरा नहीं बनाए।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए बराबर का जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी नीति के लिए वह जवाबदेह हैं। गडकरी ने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन के नीतिगत निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मुख्य सचिव ने मंत्रियों के समूह को लिखा था कि मूल्य प्रावधान को हटा दिए जाने से देश को नुकसान होगा। अगर प्रधानमंत्री ने उस समय इस बात को मान लिया होता, तो शायद यह हालात ही पैदा नहीं होते।

प्रधानमंत्री पर ‘कुछ दबाव में काम करने’ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सिंह ने मुख्य सचिव की बात की अनदेखी की जिससे इतना बड़ा घोटाल हुआ।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस विभाग (दूरसंचार) को केन्द्र सरकार ने एक तरह से भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस दे दिया। ऐसा लगता है सरकार ने इस विभाग को द्रमुक को ऑउटसोर्स कर दिया।

आयकर रिटर्न जमा करने वालों के लिए रहत

गाँवों तथा छोटे शहरों के आयकर दाताओं को अब कर रिटर्न जमा कराने के लिए बड़े शहरों को नहीं आना होगा क्योंकि वित्त मंत्रालय इस बारे में आयकर अधिकारियों (आईटीओ) के अधिकार बढ़ाने जा रहा है।

मंत्रालय ने यह फैसला छोटी जगहों के करदाताओं के समक्ष दिक्कतों को देखते हुए किया है। नई व्यवस्था एक अप्रैल (अगले वित्त वर्ष) से लागू होगी।

नए नियमों के तहत कस्बों या छोटे शहरों के आईटीओ अब गैर कॉर्पोरेट श्रेणी में 15 लाख रुपए तथा कॉर्पोरेट श्रेणी में 20 लाख रुपए तक के आईटी रिटर्न का काम देख सकेंगे। आईटीओ इस बारे में नोडल अधिकारी रहता है।

वहीं दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व हैदराबाद जैसे महानगरों में आईटीओ कॉर्पोरेट श्रेणी में 30 लाख रुपए तथा गैर कॉर्पोरेट श्रेणी में 20 लाख रुपए तक के रिटर्न देख सकेंगे।

कांग्रेस में संशोधित करवाई एसआईटी रिपोर्ट-अब मोदी को क्लीन चिट नहीं

गोधरा दंगों की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट सामने गयी है. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में मोदी को क्लीनचिट नहीं दी गयी है. मतलब दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका साफ-सुथरी नहीं है.

इससे पहले ये बात सामने आयी थी कि एसआईटी ने नरेन्द्र मोदी को दंगों के मामले में क्लीचिट दे दी है. पर अब जबकि रिपोर्ट सामने आ गयी है, सीधे संकेत यही हैं कि मोदी के हाथ दंगों में साफ नहीं हैं. 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में जलकर 61 लोगों की मौत हो गयी थी.

उसके बाद पूरे गुजरात में भीषण दंगे हुए थे.मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे और गृहमंत्रालय भी उन्हीं के पास था. ऐसे में दंगों के दौरान प्रशासन की भूमिका को लेकर जांच की गयी और खोजा गया कि दंगों को रोकने में नरेन्द्र मोदी की भूमिका क्या रही.

एसआईटी ने जो भी जांच में पाया है उसके मुताबिक नरेन्द्र मोदी दंगों के दाग से बचे नहीं हैं. साबरमती एक्सप्रेस गोधरा कांड में फैसला 16 फरवरी को आने वाला है.


माना जा रहा है की एसआईटी की यह रिपोर्ट केंद्र सरकार के दखल के बाद संशोधित की गई है, यदि इस रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट दे दी जाती तो कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के पास तो कोई मुद्दा ही नहीं रहता.

राजा अपने अच्छे कर्मों की सजा भोग रहें हैं - करूणानिधि

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर लिये जाने भर से ही उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है तथा निचली जाति के लिये आधार तैयार करने को लेकर राजा और द्रमुक को निशाना बनाया जा रहा है.

द्रमुक प्रमुख एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करूणानिधि की अध्यक्षता में यहां हुई एक बैठक के दौरान पार्टी ने एक प्रस्ताव में कहा कि राजा को गिरफ्तार कर लेने भर से ही उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.करूणानिधि ने कहा कि कैग ने स्पेक्ट्रम मुद्दे पर राजग के शासन काल के दौरान भी इसी तरह की रिपोर्ट दी, लेकिन इसपर तो किसी ने आवाज नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन की सुविधा गरीबों तक पहुंचाने के चलते आज राजा जेल में हैं.

करूणानिधि ने राजा की तुलना सम्राट महाबलि से करते हुए यहां एक जनसभा में कहा कि हिंदू पौराणिक कथा के मुताबिक महाबलि ने लोगों के लिये जो अच्छे कर्म किये थे तथा अगड़ी जाति के लोगों को लेकर उन्हें सजा भुगतनी पड़ी थी.करूणानिधि ने राजा की गिरफ्तारी के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि इसी तरह से ‘दलित’ राजा ने गरीबों को सस्ती कीमत पर मोबाइल फोन की सेवाएं उपलब्ध कराई.

वह अब इसकी सजा भुगत रहे हैं.उन्होंने संभवत: आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक रैली में कहा कि विपक्षी पार्टियों ने राजा और द्रमुक को निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने निचली जातियों के लिये आधार बनाया. राजा की गिरफ्तारी के विरोध में दूसरे दिन भी उनके गृहनगर पेरम्बलूर में आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा.उनकी गिरफ्तारी के विरोध में कुछ राजनीतिक दल यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि यहां की सभी दुकाने बंद रहीं. प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया, जिससे राज्य परिवहन निगम की चार बसों के शीशे टूट गये.

भारत का पहला इस्लामिक बैंक केरल में

भारत में पहले इस्लामिक बैंक का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। केरल हाई कोर्ट ने केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआईडीसी) की मदद से राज्य में एक इस्लामिक बैंक की तर्ज पर वित्तीय संस्थान खोलने को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।

जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी और हिंदू एक्या वेदी ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि राज्य की ओर से एक धर्म विशेष के आधार पर चलने वाला बैंक खोले जाने से संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा। चीफ जस्टिस जे. चेलामेश्वर और जस्टिस पी.आर. मेनन की डिवीजन बेंच ने स्वामी के तर्कों को नहीं माना। हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा कि यह फैसले की पूरी कॉपी पढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जाने पर फैसला करेंगे।

बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता यह नहीं बता पाए कि जिस सरकारी आदेश को चुनौती दी गई है, वह किस तरह प्रत्यक्ष तौर पर एक विशेष धर्म को बढ़ावा दे रहा है। सरकार ने अपने रुख का पक्ष लेते हुए दलील दी थी कि निवेश पूरी तरह कमर्शल है और इससे संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं होगा।

कंपनीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड अल बरख फाइनैंशल सर्विसेज ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वित्तीय संस्थान की फंडिंग देश के कानूनों और शरीयत के सिद्धांतों के अनुसार होगी। स्वामी की दलील थी कि संविधान के अनुच्छेद 27 में राज्य सरकार की किसी इकाई (इस मामले में केएसआईडीसी) के इस्लामिक बैंकिंग जैसे वेंचर में शामिल होने पर प्रतिबंध है।

स्वामी ने कहा था कि इस्लाम की धार्मिक संहिता शरीयत के सिद्धांतों में ब्याज का भुगतान और इसे हासिल करना भी मना है और इसके साथ ही कुछ ऐसी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध है जो भारतीय कानूनों के तहत वैध हैं। स्वामी का कहना था कि केएसआईडीसी को अल बरख फाइनैंशल सर्विसेज नाम की कंपनी प्रमोट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। बैंक में इस्लामिक विद्वानों को भी शामिल किया जाएगा। ये विद्वान शरीयत के सिद्धांतों के पालन को लेकर सलाह देंगे।


केरल सरकार ने दिसंबर 2009 में इस्लामिक बैंक खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन हाई कोर्ट ने पिछले साल अप्रैल में याचिका स्वीकार करने के समय निर्देश दिया था कि सरकार और इसके संस्थान इस्लामिक बैंक की तर्ज पर बनने वाली फाइनैंशल कंपनी में वित्तीय या किसी अन्य तरह से भागीदारी न करें। हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय, केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम को नोटिस भेजा था। केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम के पास अल-बरख का 11 % शेयर है।

सोनिया के खिलाफ वरिष्ठ कांग्रेसी के बागी तेवर

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 12 साल के कार्यकाल में पहली बार अपनी ही चुनी हुई कार्यसमिति के एक वरिष्ठ सदस्य की बगावत का सामना करना पड़ा है। आंध्रप्रदेश के वरिष्ठ नेता और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति, जो अब स्टीयरिंग कमेटी में तब्दील हो चुकी है, के वरिष्ठ सदस्य जी वेंकटस्वामी ने कहा है कि सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़कर किसी नए व्यक्ति को मौका देना चाहिए।

82 साल के उम्रदराज नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पार्टी को खराब स्थिति में ले जाने का जिम्मेदार ठहराया। वहीं विपक्ष की ओर से भी दफन कर दिए गए विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर उन्होंने पार्टी नेताओं को चौंका दिया। हैदराबाद से फोन पर बातचीत में वेंकटस्वामी ने कहा कि उन्होंने जो भी आरोप कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाए हैं, पूरी तरह सोच-समझकर लगाए हैं और उन्हें पार्टी से अपने लिए किसी तरह के रहमोकरम की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पर खुद को किनारे लगाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने मांग की है कि सोनिया गांधी को किसी भारत में जन्मे नेता को पद सौंप देना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कांग्रेस की प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी से गलबहियां पर अपना गुस्सा खुलकर जताया। हालांकि कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा है कि हमने इसे गंभीरता से लिया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि वेंकटस्वामी की उम्र काफी हो चुकी है और पार्टी में उनकी भूमिका अब नहीं के बराबर है। उनकी बात को कोई भी गंभीरता से नहीं लेगा। क्यों आया गुस्सा : वेंकटस्वामी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी का प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी के घर जाकर उन्हें दिल्ली आने का न्योता देना इतना नागवार लगा कि उन्होंने कहा कि पार्टी के अब इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह अपनी सरकार बचाने के लिए नाचने वालों के घर जाकर भीख मांग रही है।

पार्टी में विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर अलग दल बनाने वाले नेताओं शरद पवार, पी ए संगमा और तारिक अनवर के बाद पहली बार पार्टी के शीर्ष नीति निर्धारक इकाई में शामिल किसी नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध इस तरह से बागी तेवर अपनाए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस आंध्रप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी के पुत्र और कांग्रेस से अलग हो चुके जगन मोहन रेड्डी की बगावत के चलते पहले से मुश्किल में है।

जगन खेमा वेंकटस्वामी के बागी तेवर से खासा उत्साहित है। फिलहाल कांग्रेस आलाकमान आंध्रप्रदेश के नाजुक सियासी समीकरण पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रजा राज्यम नेता चिरंजीवी अपनी पार्टी का कांग्रेस मंे विलय भी कर सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी की चिरंजीवी से हुई बातचीत के बाद कांग्रेसी ख्ेामा यह दावा भी कर रहा है कि पार्टी की आंध्रप्रदेश में सरकार को वर्ष 2014 तक कोई खतरा नहीं है।

बाबा रामदेव के पास 25 से ज्यादा भारतीय स्विस बैंक खातेदारों के नाम

भारत स्वाभिमान यात्रा पर निकले योग गुरु बाबा रामदेव ने स्विस बैंक के 25 से ज्यादा भारतीय खातेदारों के नाम मिलने का दावा किया है। खोजी वेबसाइट विकिलीक्स से पहले दो दर्जन से ज्यादा खातेदारों की सूची के बारे में उन्होंने बताया कि खातेदारों में कई राजनीतिक दलों के बड़े नेता भी शामिल हैं। सूची की प्रमाणिकता मिलते ही सभी के नाम सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।

मंगलवार को रायपुर में योग गुरु ने बताया कि भ्रष्ट तरीकों से अकूत धन जमा करने वालों की सूची में केंद्र के अलावा विपक्षी दलों के बड़े नेताओं के नाम भी हैं। सूची में गांधी परिवार के सदस्यों के नाम होने के बारे में पूछने पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

रामदेव ने नाम लिए बिना ही राहुल गांधी के काले धन को वापस लाना चाहिए वाले बयान की निंदा की और कहा कि सरकार में सर्वाधिक महत्वपूर्ण लोगों में से होने पर भी कांग्रेस के कुछ लोग ऐसी बातें कर किसे भ्रमित कर रहे हैं। बाबा रामदेव का कहना था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ईमानदारी पर उन्हें शक नहीं है लेकिन वह भ्रष्टाचार मिटाने में असमर्थ रहे हैं।

रामदेव ने 2012 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी उतारने के संकेत भी दिए। रामदेव के अनुसार नई राजनीतिक पार्टी के गठन के बजाए वह विपक्षी दलों से संपर्क में हैं। इसका परिणाम लोकसभा चुनावों से पहले ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है। शीर्ष विपक्षी दल और अपनी भ्रष्टाचार विरोधी समान नीति से दोनों के बीच गठजोड़ बनने के सवाल पर उनका कहना था कि इसका जवाब कुछ समय बाद मिल जाएगा।

संघ को आतंकवाद से जोड़ने की साजिश का भंडाफोड़ करेंगे -राम माधव

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी परउत्प्रेरककी तरह काम करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता राम माधव ने कहा कि संघ का नाम आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ना साजिश है और संगठन इस षड्यंत्र का भंडाफोड़ करेगा.

माधव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘संघ के साथ आतंकवादी गतिविधियों को जोड़ना और इन मामलों की जो भी जांच की जा रही है. वह संगठन को बदनाम करने की साजिश के सिवा कुछ नहीं है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि संघ की प्रतिबंधित संगठन सिमी से तुलना करने वाले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी संगठन को बदनाम करने वाले उत्प्रेरक की तरह काम कर रहे हैं.

माधव ने आरोप लगाया, ‘इस बात की जांच होनी चाहिये कि आखिर राहुल के बयान के मुताबिक मामले की जांच आगे क्यों बढ़ रही है. ऐसा लग रहा है कि प्रकरण की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी है.’ उन्होंने कहा कि संगठन को बदनाम करने की साजिश के प्रति जनता को आगाह करने के लिये संघ कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे. इसके अलावा आगामी छह फरवरी से जनजागरण अभियान भी शुरू किया जाएगा.

संघ के नेता ने कहा कि जांच एजेंसियों ने शुरुआती तफ्तीश के बाद कहा था कि कर्नल पुरोहित और दयानंद पाण्डेय संघ के नेताओं की हत्या की साजिश रच रहे थे. बाद में उन्हीं दोनों को संघ से जुड़ा हुआ बता दिया गया.

उन्होंने कहा, ‘एक ही समय पर ये दोनों बातें कैसे हो सकती हैं. लिहाजा, इसकी जांच की जानी चाहिये.’

कांग्रेस के इशारों पर काम करती है सीबीआई - ठाकरे

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर कांग्रेस के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। साथ ही ठाकरे ने कहा कि सीबीआई को कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन कहना गलत नहीं होगा।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में ठाकरे ने लिखा है कि विरोधियों को शांत रखने के लिए कांग्रेस सीबीआई को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।

ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस, मायावती और मुलायम जैसे लोगों के खिलाफ इसे हथियार के तौर पर प्रयोग करती है और जब वे कांग्रेस की सहायता के लिए तैयार हो जाते हैं तो इस हथियार को पुन: वापस ले लेती है। 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आरूषि हत्याकांड और आदर्श सोसाइटी जैसे घोटालों का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा, सीबीआई हजारों मामलों की जांच कर रही है लेकिन कुछ मामलों में ही दोरूिशें को सजा हो पाती है और बाकी मामलों को वह भूल जाती है।

सीबीआई की जांच एक ढोंग के अलावा कुछ नहीं है। आदर्श घोटाले के बारे में ठाकरे ने कहा कि सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और 12 अन्य लोगों को आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाया है और राज्य भर में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। ठाकरे ने कहा कि सीबीआई के छापेमारी और जांच करने का नाटक कर रही है और यह नाटक जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए।

बिहार में बदलाव नीतीश कुमार के सक्षम नेतृत्व की बदौलत - गुलाम अली

पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली को नीतीश का बिहार बेहद भाया। उन्होंने राज्य का विकास करने और वहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की।

बिहार की राजधानी पटना में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के सिलसिले में आए गुलाम अली ने रविवार को नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। आधे घंटे की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री निवास से बाहर निकलते समय गुलाम अली ने पत्रकारों से कहा, बिहार में बदलाव आ रहा है। यह सब नीतीश कुमार के सक्षम नेतृत्व की बदौलत संभव हुआ है।

राज्य की दशा-दिशा में बदलाव यहां हो रहे विकास कार्यो को देखकर ही लग रहा है। पाकिस्तानी गायक के अनुसार, 2005 में जब से नीतीश कुमार ने बिहार की कमान संभाली है, तब से यहां बदलाव की बयार बहनी शुरू हो गई है।

गुलाम अली ने संगीत खासकर गजल में रुचि रखने के लिए बिहार के लोगों की सराहना की।

दिग्विजय सिंह सरीखे नेता बहका रहे हैं - अब्दुल खालिक

भाजपा और संघ पर हमला कर अल्पसंख्यक हितों की पैरवी में आगे दिखने वाले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह लोजपा के घेरे में गए हैं। लोजपा महासचिव अब्दुल खालिक ने सीधा आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह सरीखे नेता बहका रहे हैं अन्यथा सिर्फ बयानबाजी करते, बेगुनाह मुसलमानों को इंसाफ भी दिलाते।

शनिवार को जारी बयान में अब्दुल खालिक ने कांग्रेस की नीति और दिग्विजय पर आशंका जताते हुए कहा कि आरएसएस और सिमी को लेकर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। जिन आरोपों की बुनियाद पर सिमी पर प्रतिबंध लगाया गया है, आरएसएस उससे भी ज्यादा जघन्य अपराधों में लिप्त है।

प्रज्ञा ठाकुर, असीमानंद, कर्नल पुरोहित जैसे मामलों में सब कुछ खुलकर सामने आने लगा है। पर दिग्विजय जैसे नेता सिर्फ बयानबाजी कर हित साधने की कोशिशों में जुटे हैं। वरना ऐसा नहीं होता कि सरकार चाहे और कार्रवाई न हो। अब तक आरएसएस पर भी प्रतिबंध लग चुका होता और बेगुनाह मुसलमान आजाद हो चुके होते।खालिक ने बटला हाउस पर दिग्विजय की टिप्पणी पर भी सवाल उठाया।

दिग्विजय ने कहा था कि जिन्हें अभियुक्त बनाया गया है वह मदरसों में नहीं पढ़ते थे। खालिक ने पूछा कि क्या दिग्विजय यह कहना चाहते हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र आतंकवादी होते हैं। शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में दिग्विजय ने उक्त बात कही थी। उस समारोह में लोजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद रामविलास पासवान ने भी एक वक्ता थे।

गिरफ्तारी के डर से तीस्ता सीतलवाड़ ने अग्रिम जमानत मांगी

गुजरात दंगों के बाद सुर्खियों में आईं तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने लूनावाड़ा नरकंकाल मामले में गिरफ्तारी के डर से गोधरा की फास्ट ट्रैक कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है।गैर सरकारी संगठन [एनजीओ] सिटीजन फॉर पीस एंड जस्टिस की प्रमुख तीस्ता पर आरोप है कि उनके ही इशारे पर उनके पूर्व साथी रईस खान पठान ने पंचमहाल जिले के लूनावाड़ा में पानम नदी के किनारे दफनाए गए शवों को निकाला था।

बाद में हालांकि इन शवों के डीएनए टेस्ट में करीब आधा दर्जन लोगों की स्थानीय बाशिंदों के रूप में पहचान हुई थी। लेकिन, मामले की जाच कर रही गोधरा पुलिस ने गत माह रईस खान को प्रशासन की मंजूरी बगैर दंगों में मारे गए लोगों की कब्र खोदने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

पूछताछ के दौरान रईस ने पुलिस को बताया था कि उसने तीश्ता के कहने पर ही कब्र से शव बाहर निकाले थे।गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाली तीस्ता ने जनवरी, 2008 में रईस को अपनी संस्था से निकाल दिया था। इसके बाद रईस ने तीश्ता पर दंगा पीड़ितों को बरगलाने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस ने अपनी दुकानदारी के लिए द्रमुक को ‘आउटसोर्स’ किया - गडकरी

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज आरोप लगाया कि उसने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में जनता के धन को लूटने के लिए द्रमुक कोआउटसोर्सकिया है।

उन्होंने यहां पार्टी की एक रैली में कहा, ‘‘2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए कांग्रेस ने पैसा बनाने के लिए द्रमुक को आउटसोर्स किया था जिसमें :पूर्व दूरसंचार मंत्री: ए राजा ने अग्रणी भूमिका निभाई और :तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम: करुणानिधि इसके मुख्य सरगना थे।’’

गडकरी ने कहा कि 2 जी, राष्ट्रमंडल खेल और आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटालों के कारण साल 2010 घोटालों का वर्ष बन गया। गडकरी ने आरोप लगाया कि इसमें कुल ढाई लाख करोड़ रुपये शामिल हैं, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का तीन फीसदी है।

गरीब हिंदू छात्रों को शैक्षणिक सहायता की मांग को लेकर समूचे तमिलनाडु में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पोन राधा कृष्णन द्वारा निकाली गई 40 दिवसीय यात्रा के समापन पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने अपनी दुकानदारी चलाने के लिए 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में द्रमुक का इस्तेमाल किया।’’

सोनिया, राहुल बरी पर मुकुल वासनिक को सम्मन

बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट पाने के इच्छुक शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक मामले में यहां एक अदालत ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी को आज धोखाधड़ी के आरोपों से बरी कर दिया लेकिन केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को सम्मन जारी किया है।

अभियोजन सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश चंद्र मालवीय ने शिकायतकर्ता एके ओझा के बयान के आधार पर कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी मुकुल वासनिक और मुजफ्फरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विनिता विजय सहित सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ बीते अक्तूबर में शिकायत दर्ज की थी।

साक्ष्य के अभाव में मालवीय ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर को आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन वासनिक को आगामी नौ मार्च को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है।

ओझा ने कहा कि 2007 में एक पोस्टर प्रकरण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ दायर मुकदमा वापस लेने के एवज में उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन 2010 में विश्वासघात हुआ।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष अक्तूबर 2010 में ओझा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 323, 341, 379, 504, 120 बी, 386 और 109 के तहत सोनिया गांधी सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

हाँ जी ! पेट्रोल अब सिर्फ 14 रुपए लीटर

ब्रिटिश वैज्ञानिक ने हाइड्रोजन आधारित एक ऐसा फ्यूल ईजाद किया है, जो पेट्रोल से बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होगा और पेट्रोल का बेहतर पर्याय बनेगा। एक तरह से इसे आर्टिफिशियल पेट्रोल की संज्ञा दी गई है। यह फ्यूल से हाइड्रोजन से बना होगा, जिसमें कार्बन नहीं होगा और ही इससे कोई नुकसान करने वाले अपशिष्ट पदार्थ निकलेंगे। यह पेट्रोल पूरी तरह पर्यावरण के लिए सुरक्षित साबित होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक इसका पहला रोड टेस्ट अगले वर्ष होगा और यदि सब कुछ सही रहा तो आने वाले 3 से 5 वर्षों में यह पेट्रोल की सिर्फ खपत ही नहीं बल्कि कीमत भी गिरा देगा। इस आर्टिफिशियल फ्यूल की कीमत प्रति एक लीटर लगभग 14 रुपए होगी।


इस प्रोजेक्ट के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन बेनिंगटन का कहना है कि कई मामलों में हाइड्रोजन एक परफेक्ट फ्यूल है। इसकी एक यूनिट में पेट्रोल से तीन गुना अधिक ऊर्जा होती है और जब यह जलता है तो सिवाय पानी के कुछ और अपशिष्ट नहीं निकालता है। इसकी इसी खासियत की वजह से वर्तमान में अधिकांश गाड़ियां हाइड्रोजन से चलने लगी हैं।

अभी तक गैस को जलाकर या फिर ऑक्सीजन व हाइड्रोजन को मिलाकर इससे ऊर्जा पैदा की जाती रही है, लेकिन हाइड्रोजन को संरक्षित करने का वर्तमान तरीका बहुत महंगा होने के साथ ही सुरक्षित भी नहीं है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन को मोतियों जैसे छोटे-छोटे टुकड़ों का रूप दे दिया है, जिसे तरल पदार्थ की तरह पंप किया जा सके। सेलर एनर्जी के प्रोफेसर स्टीफन वॉल्कर ने इस तकनीक की खोज की है।

इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान गाड़ियों के इंजन को बिना बदले ही इस फ्यूल को इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह फ्यूल हाइड्रोजन पर आधारित है और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरह इसमें किसी तरह का कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है।

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