मालूम हो कि इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक आईपी एड्रेस आवंटित किया जाता है। अब जबकि लाखों फोन ऑनलाइन हो चुके हैं, आईपी एड्रेस को संख्या के रूप में आवंटित करने में काफी दिक्कत हो रही है। इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी) वर्जन4 की शुरुआत 80 के दशक में की गई थी। उस समय इसे 4.1 अरब आईपी पतों के लिए तैयार किया गया था।
ऐसा माना जा रहा था कि यह संख्या कभी कम नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब का विकास करने वालों ने शुरुआती चरण में सोचा था कि इंटरनेट का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आईपीए एड्रेस फोन नम्बर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइटों तक पहुंचता है और साथ ही ईमेल भी प्राप्त करता है। यह सर्फ करने वालों को अपने गंतव्य पर पहुंचने में मदद करता है।