साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में किसी साजिश के तहत गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर 'समता के आधार' पर जमानत पाने के लिए नई जमानत याचिका दाखिल की है।
सर्वोच्च न्यायालय दो महीने पहले उनकी एक जमानत याचिका खारिज कर चुका है। इसी मामले के तीन अन्य सह-आरोपियों शिवनारायण कलसांगरा, श्याम साहू व अजय राहिरकर को बम्बई उच्च न्यायालय से अगस्त में ही जमानत मिल गई थी।
साध्वी प्रज्ञा के वकील गणेश सोवानी के मुताबिक उन्होंने मुम्बई की विशेष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है। सोवानी ने बताया कि साध्वी प्रज्ञा ने एक नियमित जमानत याचिका दाखिल की है और उनके खिलाफ दायर किए गए आरोप-पत्र के सकारात्मक और नकारात्मक तथ्यों पर चर्चा की है।
सोवानी ने बताया कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के विशेष न्यायाधीश वाई.डी. शिंदे ने मामले में सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
नासिक जिले के मुस्लिम बहुल मालेगांव शहर में 29 सितम्बर, 2008 को हुए विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। महाराष्ट्र आतंकवाद-विरोधी दस्ते (एटीएस) ने इस मामले में 12 लोगों को पकड़ा था।
साध्वी प्रज्ञा ने अपनी नई जमानत याचिका में दावा किया है कि आतंकवाद के इस मामले में न तो उनकी विशेष भूमिका तय की गई है और न ही उनके पास से कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है।
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