कानपुर और उसके आसपास के इलाको में रात दो बजे के बाद अजीब सी अफवाहों का बाजार गर्म रहा और लोग रात दो बजे के बाद सुबह तक अपने-अपने घरों के बाहर खड़े रहे। अफवाह यह थी कि जो आज रात को सोया वह पत्थर बन जाएगा।
कहीं यह अफवाह भी थी कि सुबह भूकंप आने वाला है और कहीं यह अफवाह थी कि कई गांवों में जमीन में धंस गई है। जिला प्रशासन भी इन अफवाहों को लेकर काफी परेशान रहा।
कानपुर पुलिस के डीआईजी राजेश राय ने बताया कि रात दो बजे के बाद अचानक लोगों के मोबाइल पर यह संदेश आने लगे कि अगर आज रात को सोये तो पत्थर बन जाओगे। इसके बाद डर की वजह से लोग आने अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए और एक-दूसरे से पूछताछ करने लगे।
जैसे ही यह खबर पुलिस के आला अधिकारियों के पास पहुंची उन्होंने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सड़कों पर गश्त तेज करा दी। रात तीन बजे के बाद तो सड़कों और चौराहों पर लोगों का भारी हुजूम जमा हो गया था और लोग एक-दूसरे से इस अफवाह के बारे में पूछताछ कर रहे थे।
डीआईजी ने कहा उन्होंने इस बारे में जानकारी ली तो कुछ लोगो ने उन्हें बताया कि उनके पास सोने पर पत्थर हो जाने की अफवाह के फोन उन्नाव और हरदोई जिलों से आए लेकिन सही-सही इस बात का पता न चल सका कि आखिर यह अफवाह उड़ी कैसे।
लोगों का कहना है कि कानपुर के पास किसी गाँव में एक बच्ची का जन्म हुआ और जन्म के तुरंत बाद उस बच्ची ने ही यह बात कही कि आज की रात जो सोयेगा वो पत्थर का बन जाएगा और मर जाएगा, यह खबर जहाँ तक जायेगी, वहां तक के लोग सोये नहीं ..
अफवाहों का आलम यह था कि महिलाएं अपने घरों में पूजा पाठ करने लगीं और मुस्लिम समाज के लोंगों ने मस्जिदों का रूख कर लिया और वहां बैठ कर दुआएं मांगने लगे।
शहर के चमनगंज, पी रोड, नवाबगंज, ग्वालटोली, बेकनगंज, किदवईनगर, गोविंद नगर जैसे दर्जनों मोहल्लों में सुबह तक लोगों की भारी भीड़ सड़कों पर जमा रही। डीआईजी राय ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने और बहकावे में न आने की अपील की है।
उधर पड़ोसी जिले उन्नाव के संवाददाता के अनुसार वहां भी सोने पर पत्थर का इंसान होने की अफवाहों के कारण रात दो बजे के आसपास लोग सड़कों पर निकल आए। वहां कुछ जगह पर यह भी अफवाह थी कि सुबह बहुत विनाशकारी भूकंप आने वाला है इस डर से भी सुबह तक लोग अपने अपने घरों के बाहर जमे रहे और किसी गंभीर घटना के डर से सहमे रहे।
उन्नाव और उसके आसपास शुक्लागंज पुरवा में महिलाओं ने इस अफवाह के डर से अपने घरों में पूजा पाठ शुरू कर दिया। यहां भी लोगों का यही कहना था कि उनके पास किसी रिश्तेदार का फोन आया था जिसमें ऐसी बातें कही गई थीं।
इसी तरह कानपुर के ग्रामीण इलाकों में भी अफवाह फैली थी कि इलाके के कुछ गांव जमीन में धंस गए है जिसको लेकर काफी दहशत बनी रही और लोग एक-दूसरे को फोन कर इस खबर की पुष्टि करते रहे।
इन अफवाहों से सबसे ज्यादा परेशान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पत्रकार रहे जिनके पास इन अफवाहों की पुष्टि के लिये रात दो बजे से सुबह पांच बजे तक लगातार फोन आते रहे लेकिन दिन निकलने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल अफवाह थी।
पंजाब, हरियाणा और देश के दूसरे राज्यों में कानपुर के आसपास के गाँवों के काफी लोग रहते हैं जिसमे पति रिक्शा या धोबी का काम करता है और पत्नी लोगों के घरों में बर्तन और सफाई का काम करती है, उन लोगों को भी उनके गावों से इस प्रकार के सन्देश आते रहे और वे लोग भी रात भर जागते रहे ..
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