दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का है, अदालत ने इस मामले में जवाब तलब किया था। लेकिन तीन तारीखों के बाद भी मुख्यमंत्री की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दो साल पहले बिजली मुद्दे पर हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप मुख्यमंत्री पर लगाया था। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट में विजेंद्र गुप्ता पर मानहानि का मुकदमा किया था। गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि वे देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हैं और तथ्यों के साथ उन्होंने यह आरोप लगाया था।
लिहाजा मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में दायर मानहानि का मुकदमा उन पर नहीं बनता है। जिसके बाद कोर्ट ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन तीन तारीखों के बाद भी शीला दीक्षित ने जवाब दाखिल नहीं किया। जिस पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने शीला दीक्षित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।
मानहानि के मुकदमे के मामले में बार-बार कहने पर भी अपना जवाब दाखिल न करने के कारण हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री पर जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए बस एक आखिरी मौका दिया है। हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री को 15 मार्च को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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