रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन के दौरान दिल्ली पुलिस की बर्बरता पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस समेत बाबा रामदेव को भी आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने इस घटना के लिए दोनों को जिम्मेदार ठहराया।शीर्ष कोर्ट के इस फैसले से बाबा रामदेव और उनके समर्थकों को गहरा धक्का लगा है। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि इस घटना से बचा जा सकता था। लेकिन दोनों ने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई।
इस मामले में दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए था। कोर्ट ने इस घटना में घायल या मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं।मुआवजे 25 फीसदी रामदेव और उनके समर्थक देंगे और 25 फीसदी दिल्ली पुलिस देगी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो कार्रवाई की उसके लिए गृहमंत्रालय से बात करनी बेमानी थी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अनशन के दौरान बाबा रामदेव को वहां मौजूद लोगों को जाने के आदेश देने चाहिए थे जबकि उन्होंने वहां मौजूद लोगों के भड़काने का काम किया।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिए है कि वह रामलीला मैदान में लाठी बरसाने वाले पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच कर रिपोर्ट तीन माह में निचली अदालत में सौंप दे।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस हिंसक घटना को टाला जा सकता था। कोर्ट ने इसको अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि इस कार्रवाई से बचा जा सकता था।
दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस अदालत में दाखिल रिपोर्ट में कहा कि योगगुरु बाबा रामदेव और जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने किसी तरह की संाप्रदायिक भावना नहीं भड़काई थी यह दावा प्रेसवार्ता में रामदेव के चेहरे पर काला रंग फेंकने वाले कामरान सिद्दीकी नाम के शख्स ने किया था।
पुलिस ने यह रिपोर्ट अदालती निर्देश के बाद दाखिल की। रिपोर्ट में रामदेव और स्वामी को क्लीन चिट दी गई है। पटियाला हाउस की महानगर दंडाधिकारी जसजीत कौर की अदालत में पेश रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि प्रेसवार्ता में बाबा रामदेव ने न तो मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कोई बात कही और न ही उन्होंने काला रंग फेंकने वाले सिद्दीकी को पीटने के लिए समर्थकों को उकसाया था।स्वामी भी बाबा के साथ थे।
उन्होंने भी कामरान को पीटने के लिए किसी को नहीं उकसाया। बाबा और स्वामी के खिलाफ कामरान की निजी शिकायत पर अदालत ने पुलिस को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। उसने दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए छह मार्च की तारीख तय की है।
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