पश्चिमी उत्तार प्रदेश के चुनावी घमासान में भाजपा कांग्रेस-रालोद गठबंधन के खिलाफ वह बेहद आक्रामक है। कांग्रेस के राज्य में राष्ट्रपति शासन की अटकलों को हथियार बनाकर वह मतदाताओं से पूर्ण बहुमत वाली सरकार की अपील कर रही है और अपना मजबूत दावा पेश कर रही है। उसके निशाने पर सपा व बसपा भी है।
सपा की कांग्रेस के साथ हो रही नूरा कुश्ती व बसपा सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों को उसने यहां अपना प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है।छठे चरण के प्रचार अभियान के आखिरी दिन भाजपा की तरफ से धुआंधार प्रचार पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किया। उन्होंने सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक आठ जनसभाएं कर पार्टी की उम्मीदों को बढ़ाने में पूरी ताकत लगाई। उत्तार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की कांग्रेस की अटकलों को पूरी तरह खारिज करते हुए राजनाथ सिंह से राज्य में पार्टी के पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने का दावा किया है।
उन्होंने पश्चिमी उत्तार प्रदेश में मतदाताओं से आग्रह किया कि जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने व त्रिशंकु विधानसभा लाकर अप्रत्यक्ष राज करने के मंसूबे बांध रही ताकतों को नाकाम करें।राजनाथ सिंह ने कहा कि सपा तो पहले चार चरण में ही हार मान चुकी है और उसने कांग्रेस के साथ सहयोग लेने-देने की बात कहनी शुरू कर दी है।
कांग्रेस ने भी पांच चरण बाद राष्ट्रपति शासन की बात कहकर अपनी हालत खुद ही बयां कर दी है। अब बसपा को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा ही मैदान में है।राजनाथ सिंह ने खैर, जेवर, दादरी, स्याना, किठौर, बेहट, थाना भवन व सिवाल खास की जनसभाओं में किसानों व युवाओं से सीधा संवाद करते हुए बिजली, खाद, गन्ना की कीमत व भुगतान के साथ छात्रों की पढ़ाई की दिक्कतों पर चर्चा की।
भीड़ के साथ सवाल-जवाब की शैली में उन्होंने वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर गन्ना किसानों के बकाया का छह महीने में भुगतान व 300 रुपये प्रति क्विंटल कीमत दी जाएगी।बसपा सरकार के भ्रष्टाचार पर करारा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बिना मुख्यमंत्री के सहमति के इतने बड़े घोटाले नहीं हो सकते है। उन्होंने कहा कि भाजपा के भी तीन मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन कभी भ्रष्टाचार का आरोप तक नहीं लगा।
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