रविशंकर ने जयपुर में आयोजित एक समारोह में कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ही नक्सली बनते हैं.
उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर मानसिक संतुलन खो चुके हैं. आध्यात्मिक गुरु ने कहा था, 'सरकारी स्कूलों के बच्चे हिंसक और नक्सली स्वभाव के होते हैं. सरकारी स्कूलों में बच्चों में आदर्श की कमी है. सरकारी स्कूल बंद कर देने चाहिए. 'कपिल सिब्बल"रविशंकर मानसिक संतुलन खो चुके हैं.मैंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है और मैं नक्सली नहीं हूं."उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों से अच्छे लोग पढ़कर बाहर निकलते हैं.
इस विवाद बढ़ता देख श्री श्री रविशंकर ने अपना बयान स्पष्ट किया और कहा, “मैंने यह नहीं कहा था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चे नक्सली बनते हैं. कई महान योग्य लोग सरकारी स्कूलों से पढ़ कर निकले हैं. मैंने खासतौर पर ऐसे बीमार सरकारी स्कूलों की ओर इशारा किया था जो नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे हैं. नक्सलवाद का दामन थामने वाले कई लोग इन्हीं स्कूलों से पढ़े हैं.”
प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूलों से बेहतर हैं. जिन प्रांतों में नक्सलवाद और हिंसा है, वहां आदर्श विद्यालय नहीं पहुंचे हैं.इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि रविशंकर मानसिक संतुलन खो चुके हैं .सिब्बल ने कहा, ‘मैंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है, मैं नक्सली नहीं हूं.
अब जब कि श्री श्री से अपना बयान सपष्ट कर दिया है तो इस विवाद को खत्म कर दिया जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस को तो जैसे हिंदू संत पर हमला करने का एक मौका ही मिल गया है और इस देश का मीडिया भी उनके स्पष्टीकरण को नजरंदाज करके बिना कारण की इस मुद्दे को तूल दे रहें हैं ...
लो कर लो बात! कुटिल चप्पल जैसा निहायती साबित पागल आदमी श्री श्री को सर्टिफिकेट बांटने चला...!
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