डाउन-टाउन के रैनावारी स्थित 400 साल पुराने वैताल भैरव मंदिर में घंटियों की ध्वनि मंगलवार को फिर से गूंज उठी। 22 सालों से वीरान खंडहर में तब्दील हो चुके मंदिर में मरम्मत से पूर्व सनातन परंपराओं के मुताबिक पूजा-अर्चना हुई।
कश्मीर में जब आतंकवाद चरम पर था तो जेहादियों ने इस मंदिर को तोड़ दिया था। मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्तियों को खंडित कर दिया गया था। मंदिर प्रांगण में स्थित शिवलिंग को भी धमाके से तोड़ा गया था। उसी मंदिर के पुन: जीर्णोद्धार के लिए बीते रोज कश्मीरियत जिंदा हो उठी।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सहयोग से मंदिर में फिर से पूजा शुरू की गई। हालांकि कुछ महीने पहले भू-माफिया ने मंदिर पर कब्जा करना चाहा। स्थानीय हाजी अब्दुल हमीद ने कहा कि जब पता चला कि इस पर भूमाफिया कब्जा कर रहा है तो हम सभी ने मिलकर विरोध जताया और यहां धरना दिया, क्योंकि यह हमारे कश्मीरी भाइयों की अमानत है। मरम्मत कार्य की निगरानी कर रहे राजन नखासी ने बताया कि ऑल पार्टी माइग्रेट कोऑर्डिेनेशन कमेटी और अन्य कश्मीरी पंडित संगठनों ने मंदिर को बचाने के लिए हर जगह दरवाजा खटखटाया।
कमेटी के अध्यक्ष विनोद पंडित ने कहा कि मंदिर की मरम्मत का काम चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। इस बीच श्रद्धालु मंदिर में आकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। मरम्मत के बाद मूर्तियों को प्रतिष्ठित किया जाएगा।
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