पेट्रोल की कीमतों में एक मुश्त 7.30 रूपए की बढ़ोतरी को लेकर केन्द्र की यूपीए सरकार से समर्थन वापसी की धमकी देने वाले डीएमके प्रमुख एम करूणानिधि अपने बयान से पलट गए हैं। करूणानिधि ने कहा कि उन्होंने कभी सरकार से समर्थन वापसी की धमकी नहीं दी। करूणानिधि ने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि पार्टी सरकार से बाहर हो जाएगी।
हमने सिर्फ पूर्व की बात की थी जब केन्द्र ने हमारी बात नहीं सुनी और हमने समर्थन वापस ले लिया था। मीडिया ने तोड़ मरोड़कर बयान को पेश किया है। हमने कभी यह शर्त नहीं रखी कि सरकार पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के फैसले को वापस नहीं लेगी तो समर्थन वापस ले लेंगे। अगर हमने समर्थन वापस ले लिया तो सरकार कमजोर हो जाएगी। हमारी कोई ऎसी इच्छा नहीं है। मैं सुन रहा हूं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहते हैं। वे आम आदमी की समस्याओं के बारे में सोचते हैं।
पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ चेन्नई में आयोजित रैली के दौरान करूणानिधि ने कहा कि अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार हमें मजबूर न करें। करूणानिधि ने कहा कि उनकी पार्टी पहले भी गठबंधन सरकारों का हिस्सा रही है। भाजपा और वीपी सिंह की सरकार को डीएमके ने सहयोग दिया था। हम यूपीए सरकार के हिस्से हैं लेकिन हम आम लोगों के खिलाफ नीतियों का विरोध करने से नहीं हिचकेंगे।
जहां तक संभव होगा हम सरकार से अलग होने की कोशिश करेंगे। हालांकि अभी यह संभव नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि केन्द्र और राज्य सरकार उस हद तक जाने के लिए मजबूर नहीं करेगी। करूणानिधि ने कहा कि केन्द्र और तमिलनाडु सरकार को स्वेच्छा से लोगों को राहत देने के लिए टैक्स कम करने चाहिए ताकि आम आदमी पर कोई बोझ न पड़े।
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