पेट्रोल की कीमतों में की गई ऐतिहासिक बढ़ोतरी पर चौतरफा विरोध के बीच सरकार के भीतर असहमति के सुर सुनाई देने लगे हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि यह फैसला गलत था। निर्णय लेने से पहले सरकारी तेल कंपनियों को इसका औचित्य दिखाना चाहिए था।
2 जून को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करने मंगलवार को केरल पहुंचे एंटनी ने यह जरूर कहा कि डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने पर सरकार नहीं सोच रही है। रक्षा मंत्री इस दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी [माकपा] पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, केरल में पार्टी का एक धड़ा दुर्भाग्यवश अभी भी स्टालिन [सोवियत तानाशाह] को रोल मॉडल मानता है। उसके विचारों का अनुसरण करता है। जबकि पूरी दुनिया उसे नकार चुकी है।
सरकारी तेल कंपनियों ने बीते हफ्ते कच्चे तेल [क्रूड] और रुपये की गिरावट को कारण बताकर पेट्रोल के दामों में साढ़े सात रुपये की बढ़ोतरी की थी। सरकार पर इस मूल्यवृद्धि को वापस लेने का दबाव बढ़ रहा है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इसके असर को कम करने के लिए राज्यों से गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इस सिलसिले में वह राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने का संकेत दे चुके हैं। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी तेल कंपनियों के फैसले के समर्थन में खड़े हुए हैं। उन्होंने इस मूल्यवृद्धि को जायज ठहराया है।
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