कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एंव कलायत विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रधान तथा कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य पारस मित्तल कांग्रेस का हाथ छोड़कर इनेलो का चश्मा पहनने जा रहे है, जिसकी घोषणा वह आगामी 25 मई माह को करेंगे। इसके लिए कैथल की अनाज मंडी में इनेलो की ओर से एक जनसभा का आयोजन भी किया जाएगा, जिसे पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला संबोधित करेंगे और वहीं पारस मित्तल को पार्टी में शामिल किए जाने की घोषणा औपचारिक रूप से करेंगे। यह आज पार्टी के कलायत से विधायक रामपाल माजरा ने भी जिला स्तरीय कार्यकत्र्ता सम्मेलन में स्पष्ट किया और कार्यकत्र्ताओं को आहवान किया की वह इस जनसभा को कामयाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें।
जानकारी के अनुसार पारस मित्तल कांग्रेस पार्टी से उम्मीद के अनुसार मान सम्मान न मिल पाने के कारण पिछले काफी दिनों से कांग्रेस से विमुख चल रहे है। यहां तक की वह गत चार अप्रैल को कलायत में हुई मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा की जनसभा में भी शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद ही उनकी कांग्रेस से दूरी की चर्चा बढऩे लगी थी और कलायत क्षेत्र में उनका भरपूर समर्थन होने के बावजूद भी जनसभा में न आने पर उसी दौरान ही उनके द्वारा कांग्रेस से किनारा कर लिए जाने की उम्मीद की जाने लगी थी।
इनेलो नेताओं के मुताबिक अब उन्होंने कांग्रेस से तौबा करने का मन बना लिया है, जिसके चलते ही वह न केवल इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से भी मुलाकात कर चुके है बल्कि वह इनेलो में ही अपनी पूरी आस्था जताने की इच्छा भी जता चुके है हालांकि अभी पारस मित्तल ने यह स्पष्ट स्वीकार नहीं किया है लेकिन बताया जा रहा है कि वह इसकी घोषणा करने की तैयारियों को भी सिरे चढ़ाया जा रहा है, जिसके चलते आगामी 25 मई को नई अनाज मंडी में एक जनसभा का आयोजन किया जाएगा।
विदित रहे कि जिला भर में प्रमुख समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान कायम कर चुके पारस मित्तल कांग्रेस पार्टी में जिला में अपना अहम महत्व रखते है और वह पार्टी से वर्ष 1997 से जुड़े हुए है जबकि वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2010 तक कलायत क्षेत्र का अध्यक्ष भी रहे है। उन्हें लगभग एक वर्ष पूर्व ही कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का सदस्य भी बनाया गया था और उनके कलायत क्षेत्र में सक्रियता व पार्टी के प्रति अहम महत्व के बीच तीन विधान सभा चुनाव हो चुके है, जिनमें वह अपनी महत्ता दर्ज भी करवा चुके है।
उधर जहां पारस मित्तल ने इस संबध में खुले रूप से भले ही कुछ नहीं कहा, लेकिन कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी अवश्य जाहिर की और बताया यहां उचित मान सम्मान नहीं मिल पाता है, जिसके चलते ही कई बार अन्य निर्णय लेने पर भी कोई कार्यकत्र्ता मजबूर हो जाता है।
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